यवतमाल/प्रतिनिधि दि.१० – देशभर के विद्यापीठों में सहायक प्राध्यापक पद पर नौकरी पाने के लिये अब पीएचडी को अनिवार्य कर दिया गया है. जिसे लेकर विद्यापीठ अनुदान आयोग की ओर से एक अधिसूचना पारित की गई है. आगामी 1 जुलाई से नया नियम सर्वत्र लागू किया जाएगा. लेकिन इस निर्णय का झटका नेट सेट उत्तीर्ण हो चुके राज्य के हजारों उम्मीदवारों को सहना पड़ेगा.
यहां बता दें कि तत्कालीन मनुष्य संसाधन मंत्री प्रकाश जावडेकर ने 13 जून 2018 में इस संबंध में घोषणा की थी. जिसके अनुसार युजीसी ने गाईडलाइन जारी की है. जिसके चलते अब किसी भी विद्यापीठ में सहायक प्राध्यापक के रुप में नौकरी पाने के लिये नेट सेट परीक्षा के साथ ही पीएचडी भी अनिवार्य होगी. इस निर्णय का झटका महाराष्ट्र राज्य के नेट सेट धारक छात्रों को लगेगा. वर्तमान घड़ी में महाराष्ट्र राज्य के 15 विद्यापीठों में प्राध्यापकों के 1500 पद रिक्त है. अगस्त 2019 में यह संख्या 1166 थी. अनेक विद्यापीठों में 50 फीसदी से अधिक पद रिक्त है. वहीं अनेक विभाग केवल अस्थायी प्राध्यापकों के भरोसे चलाये जा रहे हैं. बीते 6 वर्षों से अलग-अलग कारण बताते हुए प्रशासन ने प्राध्यापक भर्ती को रोक दिया है.
राज्य में नेट सेट धारकों की संख्या लगातार बढ़ रही है. वहीं अब प्राध्यापक भर्ती के लिये नेट सेट के साथ पीएचडी अनिवार्य किये जाने से यह पद आगे भी रिक्त रहने की संभावना है. इसलिए 1 जुलाई से लागू होने वाला नया नियम लागू होने से पूर्व राज्य के विद्यापीठों के सहायक प्राध्यापकों की भर्ती करने की मांग की जा रही है.
प्राध्यापकों के वेतन के लिये 50 फीसदी अनुदान युजीसी की ओर से दिया जाता है. लेकिन राज्य सरकार आर्थिक कारणों का बहाना करते हुए भर्ती प्रक्रिया पर नजरअंदाज कर रही है. विद्यापीठ के प्राध्यापकों के लिये पीएचडी अनिवार्य होने पर विविध महाविद्यालयों में सीधे भरे जाने वाले सहायक प्राध्यापकों के लिये केवल पदव्युत्तर पदवीं और नेट सेट परीक्षा उत्तीर्ण होना अथवा पीएचडी पात्रका को अनिवार्य माना जाएगा.
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देश में प्राध्यापकों की सीटें रिक्त
संस्था एससी एसटी ओबीसी
42 केंद्रीय विद्यापीठ 2255 1320 3949
3 संस्कृत केंद्रीय विद्यापीठ 14 09 24
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्तविद्यापीठ 157 88 231
आयआयटी 325 193 539
आयआयएम 34 19 60
आयआयएसईआर 28 11 67
आयआयएससी 34 46 272
कुल 2847 1686 5142