यवतमाल प्रतिनिधि/दि.१७ – मानवता पर कंलक लगाने वाली घटना घाटंजी तहसील के बेलोरा ग्राम में घटी. जिसमें नाना ने ही अपनी 11 वर्षीय नातीन पर लैंगिक अत्याचार किया. जिसमें उसे जिला सत्र न्यायालय ने उम्र कैद की सजा सुनाई.
प्राप्त जानकारी के अनुसार अपनी मां की मृत्यु के पश्चात पीडित युवती अपनी बहन के साथ अपने पिता के यहां रह रही थी और उसके नाना चिंचाला तहसील मारेगांव यहां पर थे. गर्मियो की छूट्टियां होने की वजह से पीडित युवती अपनी छोटी बहन के साथ अपने नाना के यहां पर कुछ दिन रहने के लिए गई. जहां नाना ने उक्त 11 वर्ष की नाबालिग पर लैंगिक अत्याचार किया और यह बात किसी को न बताने की धमकी भी दी.
पीडित युवती गर्मियो की छूट्टियां खत्म होते ही वापस बेलोरा अपने पिता के यहां पर आयी. दुदैव से कुछ ही दिनों पश्चात उसके पिता का निधन हो गया. पिता के निधन के पश्चात उसके नाना और नानी बेलोरा आकर उनके पास रहने लगे और वापस नाना उस युवती पर लैंगिक अत्याचार करने लगा जिसकी वजह से पीडिता गर्भवती हो गई. 15 अगस्त 2019 को शाला में ध्वाजारोहण समारोह के दरमियान उस पीडिता को अचानक चक्कर आ गया और वह नीचे गिर पडी.
गांव के सरपंच ने उस युवती के विषय में उसकी नानी से पूछताछ की तब उसकी नानी ने उस पर उसके नाना द्बारा सतत लैंगिक अत्याचार की बात सरपंच से कही. वैद्यकीय जांच के पश्चात पीडिता की नानी ने पुलिस स्टेशन घाटंजी में अपने पती के खिलाफ शिकायत दर्ज की. पुलिस उपनिरीक्षक आर.के. पुरी व किशोर भुजाडे ने मामले की तहकीकात कर कोर्ट में चार्टशीट दाखिल की. जिला व सत्र न्यायाधीश एम. मोहिमोद्दीन द्बारा इस मामले में सात लोगों की गवाही ली जिसमें मुख्य रुप से नानी व वैद्यकीय अधिकारी की गवाही पर उक्त आरोपी को 5 हजार रुपए का जुर्माना व आजीवन कारावास की सजा सुनाई