यवतमाल

दो वैद्यकीय अधिकारियों को केवल नोटीस, कंत्राटी पर मात्र कार्रवाई

डॉक्टर मोबाइल पर बात करने में थे व्यस्त, और गलती हुई

यवतमाल प्रतिनिधि/दि.3 – पोलिओ टीके की बजाय बच्चों को सैनेटायजर पिलाने के मामले में भांबोरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का कारभार संभालने वाले वैद्यकीय अधिकारी डॉ.महेश मनवर व डॉ.भूषण मसराम को कल शो-कॉज नोटीस दिया गया है. वहीं इस मामले में तीन पर सेवा समाप्ती की कार्रवाई की गई है. कंत्राटी व मानधन पर काम करने वाले समूदाय स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.अमोल गावंडे , आशा स्वयंसेविका संगीता मसराम व आंगणवाडी सेविका सुनीता कुसनाके पर कार्रवाई की गई. सैनेटायजर दिये गए 12 बच्चों को सुरक्षितता के तौर पर वसंतराव नाईक शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालय के बालरोग विभाग में दाखिल किया गया है. उन्हें कोई भी तकलीफ नहीं, ऐसा संबंधित डॉक्टरों ने बताया, लेकिन एक मराठी न्यूज चैनल व्दारा दी गई खबर के अनुसार इस मामले की जांच के बाद यह कारण सामने आया है कि डॉक्टर मोबाइल पर व्यस्त थे और पोलिओ की बजाय सैनेटायजर पिलाया गया.
इस मामले में वहां के वैद्यकीय अधिकारी समेत तीन की सेवा समाप्ती के आदेश दिये गए है, लेकिन जो सही मायने में जिम्मेदार है, उन दो वैद्यकीय अधिकारियों को मात्र शो-कॉज नोटीस दिया गया है. स्वास्थ्य उपसंचालक डॉ.राजकुमार चव्हाण ने घटनास्थल को भेंट दी. आशा स्वयंसेविका, अंगणवाडी सेविका का बयान भी दर्ज किया गया. उसके बाद भांबोरा केंद्र का कामकाज संभालने वाले अधिकारियों को शो-कॉज दिया गया. उनके ओर से जवाब आने के बाद आगामी कार्रवाई की जाएगी, ऐसा जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.हरि पवार ने बताया.

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