यवतमाल/दि.2 – राज्य में गुटखा बंदी लागू रहने के बावजूद भी गुटखे की खुलेआम विक्री होती है और चोरी छिपे चलने वाले गुटखा व्यवसाय में करोडों रुपयों का आर्थिक लेन-देन होता है. इसका अंदाजा केवल इस बात से चलाया जा सकता है कि, विगत 3 वर्षों के दौरान 400 करोड रुपए का गुटखा जब्त किया गया. जिसका सीधा मतलब है कि, इससे कई गुना अधिक गुटखा बाजार में बेचा गया है और गुटखा तस्करों व गुटखा माफियाओ का नेटवर्क हर शहर व हर गांव तक बना हुआ है. जिसके चलते गांव-गांव तक गुटखा अब भी बडी आसानी से पहुंच रहा है. ऐसे में अब गुटखा तस्करों के साथ-साथ अन्न व औषधी प्रशासन विभाग ने सीधे गुटखा निर्माताओं पर कार्रवाई करने का विचार करना शुरु किया है.
बता दें कि, राज्य में अब तक गुटखे की ढुलाई करने वाले 1625 वाहन पकडे गये और गुटखा तस्करों के खिलाफ 2206 मामले दर्ज हुए. इन कार्रवाईयों में 400 करोड से अधिक रुपए का गुटखा जब्त किया गया. जब कि महाराष्ट्र में गुटखे का उत्पादन करना और विक्री करना प्रतिबंधित है. लेकिन आये दिन होने वाली कार्रवाईयों को देखकर कहा जा सकता है कि, महाराष्ट्र में बडे धडल्ले के साथ गुटखे का उत्पादन हो रहा है. या फिर पडौसी राज्यों में बनाये जाने वाले गुटखे की तस्करी करते हुए उसकी महाराष्ट्र में लाकर खुलेआम विक्री की जा रही है. ऐसे मामले अब तक कई बार उजागर हो चुके है और हाल ही में यवतमाल जिले में भी गुटखे की बडी खेप बरामद हुई. बाभुलगांव परिसर में पकडा गया यह गुटखा अमरावती निवासी विकी नामक गुटखा तस्कर का बताया गया था. जिसका नाम इससे पहले भी कई बार गुटखा तस्करी के मामलों में सामने आ चुका है.
इन तमाम बातों को ध्यान में रखते हुए राज्य के अन्न व औषध प्रशासन मंत्री संजय राठोड ने आगामी 5 दिसंबर को मुंबई में एक बैठक बुलाई गई. जिसमें गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव पुलिस महासंचालक व कानून विषयक सलाहकारो को विशेष आमंत्रित किया गया है. इस बैठक में अवैध गुटखा विक्री मामले को लेकर धारा 328 के तहत कार्रवाई करने के संदर्भ में विचार विनिमय किया जाएगा. ताकि गुटखा विक्री करने वाले लोगों के खिलाफ गैर जमानती अपराध दर्ज किया जा सके. ऐसे मामलों में अदालत से जमानत हासिल करनी पडती है और ऐसे मामलों को गंभीर किस्म का अपराध माना जाता है.
* 150 पद पडे है रिक्त
गुटखा तस्करी व अवैध विक्री को लेकर कार्रवाई करने की जिम्मेदारी अन्न व औषधी प्रशासन पर होती है. किंतु इस विभाग के पास मनुष्यबल की कमी है. राज्य में फिलहाल अन्न व औषधी प्रशासन विभाग के 150 पद रिक्त पडे है. जिसमें से 50 फीसद पदों पर ठेका नियुक्त कर्मचारियों की नियुक्ति की जाएगी. वहीं शेष पदों पर भरती के लिए अन्न व औषधी प्रशासन विभाग ने एमपीएससी के पास प्रस्ताव भेजा है.
गुटखे की वजह से युवा पीढी व्यसनाधीनता की ओर मुड रही है. जिसे नियंत्रित करने हेतु ठोस उपाय किये जाएंगे. जिसके लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे है. इसके तहत अब सीधे गुटखा उत्पादकों पर कार्रवाई करने का विचार किया जा रहा है. ताकि अवैध गुटखा व्यवसाय की जड पर प्रहार किया जा सके.
– संजय राठोड,
अन्न व औषधी प्रशासन मंत्री.