यवतमाल

अब नकली बीज का संकट

यवतमाल में 5 हजार हेक्टेयर फसलों का नुकसान

यवतमाल/प्रतिनिधि दि.६ – खरीफ में सोयाबीन, कपास हाथ से निकल जाने के बाद किसानों ने मूंगफल्ली का उत्पादन दिया है. लेकिन नकली बीजों से मूंगफल्लीयां भी अंकुरित नहीं हुई है. बोगस बीज से ही फल्लीयां अंकुरित नहीं होने का आरोप लगाते हुए किसानों ने कृषि विभाग से शिकायत दज्र कराई है. वहीं अधिकारी की माने तो मौसम का परिणाम फसलों पर हो रहा है. मुआवजे की उम्मीद टूट जाने से किसान अब अपने खेतों मवेशियों को छोड रहे है. अकेले यवतमाल जिले में लगभग 5 हजार हेक्टेयर क्षेत्र की फसल खतरे में आ गई है.
यहा बता दें कि, बाजार में मूंगफल्ली के तेल और ढेप की डिमांड रहने से किसानों ने महंगे बीज खरीदकर बुआई कार्य किया. तीन महिने बाद भी मूंगफल्ली में दाने नहीं आये. वहीं कुछ जगहों पर फसल पीली पड गई. नेर तहसील के टेंभी, दारव्हा तहसील के कामठवाडा, चानी सहित अनेक गांवों में रहने वालों किसानों का नुकसान हुआ है. यवतमाल नजदिक के किसान आत्महत्या से गूंज चुके बोथबोडन गांव भी छूटा नहीं है. इन गांव के अनेक किसानों के खेतों में कृषि विभाग नहीं पहुंचा है, यह आरोप भी ग्रामवासियों ने लगाया है. आर्णी तहसील के किसानों को नकली बीज मिलने से उन्होंने शिकायत कृषि विभाग के पास दर्ज करायी है. खरीफ में सोयाबीन का नुकसान हुआ. वहीं मूंगफल्ली से जो उम्मीदेंं बनी थी उसे भी नकली बीजों ने तोड दिया. ढाई महिनों में 3 लाख रुपए खर्च करने के बाद भी कुछ भी नहीं हाथ लगा. पंचनामा करने के लिए आये अधिकारियों से कॉपी मांगने पर वह भी नहीं मिल पायी. वहीं अब न्यायालय में जाकर न्याय मांगने का मार्ग भी बंद हो चुका है.

  • कृषि अधिकारी कह रहे वायरस से नुकसान

कृषि विभाग की टीम ने मूंगफल्ली की बुआई किये गये 10 खेतों का मुआयना किया. कुछ खेतों में नुकसान हुआ है. जिन किसानों को फसलों का नुकसान हुआ है, उन्होंने देरी से बुआई की है. मार्च की शुरुआत में बारिश होने से मौसम का भी असर इस पर पडा है. यह जानकारी इसी विज्ञान केंद्र के विभागीय संशोधन सहायक प्रा. डॉ. प्रमोद यादगिरवर ने दी है. वहीं आर्णी तहसील के कृषि अधिकारी अरविंद राठोड ने बताया कि, देरी से बुआई व वायरस से नुकसान हुआ है.

Related Articles

Back to top button