यवतमाल

अब हल्दी हुई जीएसटी मुक्त

राज्य कृषि आयुक्त के कृषि व फलोत्पादन मंत्रालय को आदेश

महागांव (जि.यवतमाल)/दि.7– किसानों द्वारा बुआई की गई हल्दी फसल पर राज्य सरकार द्वारा पांच प्रतिशत जीएसटी वसुला जाता है, जिसके चलते अपने राज्य में बोई गई हल्दी अन्य राज्य में बिक्री के लिए जाती थी. इस ओर हिंगोली लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के सांसद तथा हल्दी संशोधन व प्रक्रिया नियोजन अभ्यास समिति के अध्यक्ष हेमंत पाटील ने ध्यानाकर्षित करते हुए हलदी की फसल पर का जीएसटी माफ करने की मांग कृषि आयुक्तालय से की थी. उनकी इस मांग को सफलता मिलने के साथ ही अब हल्दी फसल पर का जीएसटी कर राद्य शासन द्वारा माफ किया गया है.
हल्दी संशोधन व प्रक्रिया नियोजन अभ्यास समिति की रिपोर्ट पर चर्चा करने के लिए महाराष्ट्र राज्य कृषि आयुक्त, फलोत्पादन संचालक डॉ. कैलास मोते ने बैठक का आयोजन किया था. इस बैठक में समिति के अध्यक्ष तथा सांसद हेमंत पाटील, अमित झनक सहित अन्य सदस्य उपस्थित थे. बैठक में खेत माल खेत से बाहर निकालने के बाद बाजार तक भेजने की सामान्य प्रक्रिया के कारण उन वस्तुओं का मुख्य गुणधर्म नहीं बदलता. इसलिए उसे खेतमाल तक ही गृहित माना जाता है. ऐसा केंद्र का स्पष्ट निर्देश होने के बावजूद राज्य सरकार मार्फत हल्दी फसल पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगाया जाता था. तब महाराष्ट्र अग्रिम अधिनिर्णय प्राधिकरण द्वारा दिये गए निर्णय पर शासन स्तर पर फिर से पुनःविचार किया जाये, ऐसा स्पष्च किया गया था. अन्यथा राज्य की उत्पादित हल्दी दूसरे राज्य में बिक्री के लिए जा सकती है, ऐसा भय व्यक्त किया गया था.
किसान हल्दी को पकाकर उससे हल्दी की गांठ तैयार करते हैं. इस प्रकिया को समझकर राज्य शासन द्वार इस पर पांच प्रतिशत जीएसटी न लगाया जाए, उसे रद्द करने के लिए कृषिमंत्री ने इस ओर ध्यान देना चाहिए, ऐसी विनती की गई थी. हल्दी संशोधन व प्रक्रिया नियोजन अभ्यास समिति की रिपोर्ट पर विचार कर राज्य कृषि आयुक्त तथा फलोत्पादन संचालक डॉ. कैलास मोते ने सकारात्मक विचार करते हुए हल्दी की फसल पर लगाया जाने वाला 5 प्रतिशत जीएसटी रद्द किये जाने के साथ ही राज्य सरकार के इस निर्णय से राज्य के हजारों किसानों को दिलासा मिलेगा. ऐसी भावना हल्दी संशोधन व प्रक्रिया नियोजन अभ्यास समिति के अध्यक्ष सांसद हेमंत पाटील ने व्यक्त की है.

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