यवतमाल

यवतमाल में बाघों की संख्या पहुंची बीस पर

सर्वाधिक बाघ टिपेश्वर अभयारण्य में

  • बाघों के हमलों की घटना से पर्यटकों में दहशत

यवतमाल/प्रतिनिधि दि.१६ – वनसंपदा से भरपूर यवतमाल जिले में बाघों की संख्या बढकर 20 पर पहुंच चुकी है. सर्वाधिक बाघ पांढरकवडा तहसील के टिपेश्वर अभयारण्य में है. यह बाघों के हमलों की घटनाओं से नागरिकों व पर्यटकों में दहशत है. रालेगांव तहसील में ‘टी-1 अवनी’ इस नरभक्शक बाघिन ने 13 नागरिकों की जान ली थी. बाघिन को पकडने के लिए सभी तरह के प्रयास किए गए थे. आखिरकार अवनी का एनकांउटर कर उसे खत्म कर दिया गया.
इस घटना का सभी वन्य प्रेमियों ने तीव्र असंतोष भी व्यक्त किया था. किंतु समय व परिस्थिति को देखकर जिन परिवार के सदस्यों की जान गई है ऐसे लोगों ने एनकाउंटर का स्वागत भी किया. जिले में व्यापक तौर पर वनसंपदा है यहां बाघ सहित जंगली सूअर, भालू, नीलगाय आदि वन प्राणी की संख्या बडे प्रमाण में है.
अक्सर यहां के वनजीव जंगलों से निकलकर मानवी बस्ती की ओर चले जाते है और मनुष्य पर हमला कर उन्हें जख्मी कर देते है. जिसमें कई लोगों की जान भी गई है. इस तरह की घटना यहां सतत हो रही है. जिसमें मानव व वन्यजीव संघर्ष हमेशा ही होता दिखाई दे रहा है.
पिछले कुछ वर्षो में बाघों की संख्या कम हुई थी किंतु अब बाघों की संख्या सतत बढ रही है. टिपेश्वर अभयारण्य सहित झरी तहसील में भी बाघ की उपस्थिति दर्ज की गई. सुरक्षित क्षेत्र की तलाश में बाघ अक्सर अपना इलका छोडकर बस्तियों में पहुंच जाते है और इन्सानों पर हमला कर देते है. जिसमें इनकी रोकथाम के लिए तार फेसिंग लगवाए जाने की मांग की जा रही है.

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