यवतमाल/दि.15 – महाराष्ट्र राज्य की लाइफलाइन समझी जाने वाली लालपरी के अभी भी पहिए थमे हुए है. सर्वाधिक आवश्यक चालक वाहक तथा कर्मचारी काम पर वापस लौटने को तैयार नहीं है. अब तक केवल 11,652 चालक-मालक ही वापस काम पर लौटे है. यात्रियों की सुविधा के लिए निजी बस चालकों के माध्यम से बस सेवाएं शुरु की गई है. हडताल में अब भी 42 हजार कर्मचारी सहभागी है.
महाराष्ट्र राज्य परिवहन निगम मंडल को शासन में विलीनीकरण की मांग को लेकर रापनी कर्मचारियों व्दारा पिछले छह महीनों से हडताल जारी है. इसी दरमियान 11 हजार चालक-वाहक ही काम पर लौटे है. जिसमें एसटी महामंडल व्दारा निजी चालकों व्दारा बस फेरियां करवायी जा रही है. रापनी की हडताल से ग्रामीण क्षेत्रों के यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड रहा है. छह महीने के पश्चात भी रापनी के पहिए पटरी पर नहीं आए जिससे आम यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड रहा है.
हडताल में शामिल व हाजिर कर्मचारियों की संख्या पदनिहाय
प्रवर्ग संख्या हाजिर हडताली कर्मचारी
प्रशासकीय 11,989 10,746 1,243
कार्यशाला 15,721 8,662 7,059
चालक 29,303 5,671 23,622
वाहक 24,670 8,981 18,689
कुल 81,683 31,060 50,623