यवतमाल प्रतिनिधि/दि.३ – अतिवृष्टि के चलते विदर्भ में केवल ७ करोड़ २२ लाख ९० हजार रूपयों के नुकसान होने की रिपोर्ट विभाग ने दी है. इसलिए राज्य सरकार की ओर से घोषित किए गये १० हजार करोड़ रूपयों के पैकेज में केवल ७.२२ करोड़ विदर्भ को मिलने का खतरा बना हुआ है. इस पैकेज में ९ हजार ९९८ करोड़ रूपये शेष महाराष्ट्र को दिए जाने का आरोप लगाया जा रहा है. जिससे सरकार द्वारा वस्तुस्थिति स्पष्ट करने की मांग की जा रही है.
यहां बता दे कि अगस्त के अंत में आयी महाबाढ़ से पूर्व विदर्भ के नागपुर,भंडारा, गोंदिया, गडचिरोली और चंद्रपुर जिले को झटका लगा है. वर्धा, यवतमाल, अमरावती,अकोला, बुलढाणा और वाशिम जिलेे के मौसम में गिलापन रहने से सोयाबीन फसल को अंकुर फूट गये है. वहीं वापसी की बारिश में पूरी फसल को बरबाद कर दिया है. कपास को बोंड इल्ली ने तबाहकर किसानों की उम्मीदों को तोड़ दिया है. चहुुंओर अकाल की स्थिति बनी हुई है. महाविकास आघाडी सरकार ने विदर्भ के ११ में से केवल भंडारा जिले के नुकसान का निष्कर्ष निकाला है. यह जानकारी किसान नेता किशोर तिवारी ने दी है.
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केवल भंडारा में हाहाकार
सरकारी निर्णय में विदर्भ के ११ में से केवल भंडारा जिले में अतिवृष्टि से खेतीबाड़ी का नुकसान होने का दावा किया गया है. भंडारा जिले में खेतीबाड़ी का २ करोड़ ११ लाख ४३ हजार रूपये का नुकसान होने की जानकारी है. अमरावती विभाग में घरों, कपड़ों, बर्तनों का सभी जिले में नुकसान दर्शाया गया है.यह नुकसान १ करोड़ ९४ लाख ५२ हजार रूपये है. इनमें से अमरावती व अकोला इन दो जिले में ४ लाख ८२ हजार रूपये का नुकसान है. जबकि नागपुर विभाग के ५ और अमरावती विभाग के तीन कुल विदर्भ के ८ जिले में मवेशियों का कोई नुकसान नहीं होने की जानकारी सरकारी सर्वेक्षण में तिवारी ने दी है.