नागपुर और अमरावती विभाग में सनद के 41 करोड रुपए बकाया
वसूली कुछ नहीं, 9 हजार गांव में ड्रोन सर्वे
यवतमाल /दि. 16– भूमि अभिलेख विभाग ने ड्रोन सर्वे कर सनद (पीआर कार्ड) वितरित किए. इसके लिए निश्चित किया गया शुल्क संपत्ति धारकों की तरफ 40 करोड 94 लाख रुपए बकाया है. एक साल में केवल 12 करोड 86 लाख रुपए वसूल किए गए है.
भूमि अभिलेख विभाग ने संपूर्ण महाराष्ट्र में 40 हजार गांव में ड्रोन सर्वे किया. गांव की जगह किसकी, जगह का आकार कितना, भूमापन क्रमांक कौनसा और चतु:सीमा आदि की जानकारी इस माध्यम से इकठ्ठा की गई. यह सभी बाते निश्चित होने के बाद संपत्ति धारकों को पीआर कार्ड दिए गए. इसमें यह सभी जानकारी दर्ज की गई. विदर्भ के 11 जिलो में 9 हजार गांव में ड्रोन सर्वे किया गया. नागपुर और अमरावती इन दो विभाग के संपत्ति धारकों से कुल 53 करोड 81 लाख रुपए रकम लेना था. नागपुर विभाग के सभी 6 जिलो के संपत्ति धारकों की तरफ 21 करोड 74 लाख रुपए शुल्क हुआ. इसमें से 11 करोड 94 लाख रुपए वसूल हुए. 19 करोड 80 लाख रुपए बकाया है. अमरावती विभाग के पांच जिलो में 22 करोड 6 लाख रुपए वसूल करना था. इसमें से 91 लाख 97 हजार रुपए वसूल हुए. 21 करोड 14 लाख 96 हजार रुपए बकाया है. सनद मिलते ही नागरिकों द्वारा शुल्क जमा करना अपेक्षित था. लेकिन तत्काल शुल्क न मिलने से वसूली के लिए कर्मचारियों को चक्कर काटने पड रहे है.
* विभाग के पास यंत्रणा का अभाव
भूमि अभिलेख विभाग में कर्मचारियों की किल्लत है. दैनंदिन काम कर उन्हें वसूली के लिए घुमना पड रहा है. इस प्रकरण में कोई भी काम उचित तरीके नहीं हो रहे है. इसके अलावा उनकी समस्या भी हल नहीं हो पा रही है. इन कर्मचारियों की तकनीकी वेतनश्रेणी का प्रश्न प्रलंबित है. शासन ने सुधांशू समिति की रिपोर्ट स्वीकृत कर उन्हें तकनीकी वेतनश्रेणी लागू करने की मांग भूमि अभिलेख कर्मचारी संगठना के सचिव श्रीराम खिरेकर ने की है.