यवतमाल

अब भी यात्री निजी बसों से यात्रा करना कर रहे पसंद

एसटी महामंडल को आर्थिक नुकसान

यवतमाल/ दि.31– पिछले दो सालों से कोरोना महामारी व पिछले छह महीनों से रापनी कर्मियों की हडताल के चलते एसटी महामंडल को करोडों रुपए का नुकसान हुआ था. उसी दौरान यात्रियों ने भी एसटी महामंडल से दूरियां बना ली थी, जिसमें अब भी 30 लाख यात्री निजी बसों में यात्रा करना पसंद कर रहे हैं. जिससे एसटी महामंडल के सामने बडा आवाहन खडा हुआ हैं.
कोरोना के पूर्व एसटी महामंडल को रोजाना 22 करोड रुपए की आय होती थी. 60 से 65 लाख यात्री यात्रा करते थे. 14 हजार किमी मार्ग पर महामंडल की बसें दौडती दिखाई देती थी किंतु अब चित्र बदल चुका हैं. महामंडल के पास 16 हजार 500 बस में से केवल 2 से ढाई हजार बस ही चलायी जा रही हैं. शेष 14 हजार बस तकनीकी खराबी, दुर्घटना व आटीओ पासिंग नहीं होने की वजह से इस्तेमाल नहीं किया जा रहा.
बस की किल्लत का परिणाम प्रमुख रुप से ग्रामीण क्षेत्रों की बस फेरियों पर हो रहा हैं. बस रद्द होने की वजह से ग्रामीण क्षेत्र के यात्री निजी बसों से यात्रा कर रहे हैं. निजी बसों में उन्हें ज्यादा किराया देना पड रहा हैं. जिससे उनका आर्थिक नुकसान भी हो रहा है, फिर भी यात्री निजी बसों से ही यात्रा करना पसंद कर रहे हैं.

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