यवतमाल/प्रतिनिधि दि.१ – गर्भवती बाघिन को गुफा में कैद कर भाले जैसे तीक्ष्ण हथियार से उसे जान से मारने की घटना के आरोपी पुलिस के नजर में आ गए थे. कल पुलिस ने इस मामले में अशोक लेतू आत्राम और उसके पिता लेतू रामा आत्राम को गिरफ्तार किया है. दोनों को झरी तहसील अंतर्गत ग्राम पांढरवाणी से गिरफ्तार कर लिया गया है. आरोपियों के पास से बाघिन के नाखून ओर एक पैर का पंजा भी जब्त किया गया है. बाघिन का एक पंजा और 9 नाखून जब्त करना बाकी है. शिकार के लिए इस्तेमाल हथियार की जब्ती भी बाकी है. जिसके लिए आज शनिवार को आरोपियों को न्यायालय में पेश किया जाएगा. जबकि इसी शिकार के मामले में दो आरोपी भागने में सफल हो गए है. मामले को शिघ्रता से सुलझाने के लिए मुकुटबन के थानेदार धर्मा सोनुने को 50 हजार का पुरस्कार देने की भी घोषणा की गई है.
मुकुटबन वनपरिक्षेत्र के आरक्षित वनकक्ष क्रमांक 30 में नाले के किनारे रहने वाली गुफा में 25 अप्रैल को गर्भवती बाघिन मृतावस्था में पायी गई थी. उसके बाद वन अधिकारियों ने घटनास्थल जाकर पंचनामा किया. उस समय बाघिन के सामने के पैरों के दोनों पंजे काटकर ले जाया गये, ऐसा दिखाई दिया. तीन दिन बीतने पर भी वन विभाग के अधिकारियों को कोई पता नहीं चला. आखिर 28 अप्रैल को जिला पुलिस अधिक्षक डॉ.दिलीप भुजबल पाटिल यह वन विभाग की मदत के लिए दौड आये. उन्होंने घटनास्थल पर भेंट देकर समीक्षा की. उसके बाद इस मामले की जांच के लिए पुलिस के चार दल व वन विभाग के चार दल गठीत करने के निर्देश दिये गए. इन सभी दल का नेतृत्व वणी के एसडीपीओ संजय पुज्जलवार, पांढरकवडा के एसडीपीओ प्रदीप ठाकरे, यवतमाल स्थानीय अपराध शाखा के पुलिस निरीक्षक प्रदीप परदेशी, मुकुटबन के थानेदार धर्माजी सोनुने, पाटण पुलिस थाने की प्रभारी संगीता हेलोंडे को दी गई. पिछले दो-दो दिन यह अधिकारी मुकुटबन परिसर में डेरा लगाकर बैठे थे. इस मामले की जांच शुरु रहते समय मुकुटबन के थानेदार धर्माजी सोनुने के दल को बाघिन के हत्यारों का सुराग लगने की जानकारी मिली थी. उन्होंने कल इस मामले में पांढरवाणी से आत्राम पिता, पुत्र को गिरफ्तार किया है.