यवतमाल

शासकीय कपास खरीदी इस साल ‘रामभरोसे’

सीसीआय व पणन महासंघ को नहीं मिल रहा खरीदी का मुहुर्त

यवतमाल/दि.28 – देशभर में महाराष्ट्र राज्य को कपास उत्पादक राज्य के नाम से जाना जाता है. किंतु इस साल यहां शासकीय कपास खरीदी रामभरोसे दिखाई दे रही है. सीसीआय व पणन महासंघ को अभी भी खरीदी का मुहुर्त नहीं मिल रहा है. जिसकी वजह से राज्य के निजी व्यापारियों ने कपास की खरीदी शुरु कर दी है. कपास खरीदी जैसे महत्वपूर्ण मुद्दें को लेकर बैठक को पणन मंत्री व्दारा पीठ दिखाई गई है. जिसमें दीपावली के पश्चात भी कपास खरीदी शुरु होगी या नहीं इस संदर्भ में संभ्रम कायम है.
संपूर्ण विश्वभर में कपास की किल्लत निर्माण हुई है. साथ ही कपास उत्पादन करने वाले देशों में इस बार कपास का उत्पादन घटा है. खुले बाजारों में कपास के दाम बढ रहे है. समर्थन मूल्य की तुलना में बाजारों में दाम 2 हजार रुपए से अधिक है. दूसरी ओर सीसीआय ने पणन महासंघ को अपना सब एजेंट नियुक्त करने में असमर्थतता जतायी है. जिसकी वजह से शासकीय खरीदी कैसी की जाए इस संदर्भ में कपास पणन महासंघ व्दारा मंगलवार को बैठक बुलायी गई थी. बैठक में पणन महामंत्री बालासाहब पाटिल को भी निमंत्रण दिया गया था. किंतु बैठक में व्यस्तता के कारण पणनमंत्री बालासाहब पाटिल आए ही नहीं.
कपास खरीदी हेतु बुलाई गई बैठक में पणनमंत्री के ना आने से संचालक बैठक के पश्चात पणनमंत्री बालासाहब पाटिल के बंगले पर पहुंचे और कपास खरीदी के विषय में उनसे पूछताछ की इस पर पणनमंत्री बालासाहब पाटिल ने कहा कि, सीसीआय कपास की खरीदी नहीं करता है तो पणन महासंघ कैसे कपास की खरीदी करेगा ऐसा उन्होंने जवाब दिया. पणन मंत्री व्दारा इस तरह का जवाब देने के पश्चात आखीर संचालक उपमुख्यमंत्री अजीत पावर के पास पहुंचे और उनसे चर्चा की. चर्चा में उन्होंने कहा कि किसानों से कपास की खरीदी की जानी चाहिए किंतु किस प्रकार खरीदी की जाए इस संदर्भ में उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने भी कुछ नहीं कहा.
असल में पणन महासंघ व्दारा कपास खरीदी के संदर्भ में निर्णय लेना चाहिए जिसमें अब तक निर्णय नहीं लिया गया. हर साल दीपावली के पूर्व अथवा दीपावली के पश्चात शासकीय कपास की खरीदी शुरु की जाती है किंतु इस साल खरीदी को लेकर निर्णय न किए जाने से शासकीय कपास खरीदी शुरु होगी या नहीं इस पर अब भी प्रश्नचिन्ह लगा हुआ है. दुसरी ओर कपास पणन महासंघ ने निविदा बुलाए जाने की प्रक्रिया अपने हाथों में ली है किंतु निर्णय न लिए जाने की वजह से सभी प्रक्रियाएं रुकी हुई है.

सीसीआय के लिखित जवाब की प्रतीक्षा

राज्य सरकार ने सीसीआय को कपास खरीदी के लिए सब एजेंट की नियुक्ति किए जाने का पत्र दिया है. किंतु सीसीआय व्दारा लिखित जवाब नहीं दिया गया. जवाब देने के पश्चात कपास खरीदी को लेकर कोई रास्ता निकाले जाने की संभावना है.
– अनंत देशमुख, अध्यक्ष कपास पणन महासंघ महाराष्ट्र

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