यवतमाल

पुसद का ‘बंगला’ फिर चर्चा में

संजय राठोड के इस्तिफे के बाद यवतमाल में राजनीतिक गतिविधियां तेज

यवतमाल / प्रतिनिधि दि.1 – राज्य के वनमंत्री तथा यवतमाल जिले के पालकमंत्री संजय राठोड को टिक टॉक स्टार पूजा चव्हाण की आत्महत्या का मामला भारी पड चुका है. उन्होंने कल पूरे 20 दिन बाद इस मामले में मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे को मंत्रीपद का इस्तिफा दिया है. इसके बाद जिले में राजनीतिक गतिविधियां तेज हुई है. पहली बार ‘लाल बत्ती’ खो चुके इस जिले में राजनीतिक समीकरण बदलने के संकेत दिखाई दें रहे है. पूजा चव्हाण संदेहास्पद मृत्यु मामले में वनमंत्री संजय राठोड का रविवार को इस्तिफा हुआ.
पूरे 20 दिनों से विपक्ष भाजपा की ओर से राज्य की महाविकास आघाडी सरकार समेत संजय राठोड को निशाना बनाकर तीखे तीर चलाये जा रहे थे. आज एक मार्च से राज्य विधानमंडल का बजट सत्र शुरु हो रहा है. राठोड ने इस्तिफा नहीं दिया तो कामकाज नहीं चलने देंगे, ऐसा अल्टीमेटम विपक्ष ने दिया था. उस पृष्ठभूमि पर पूरे 2 सप्ताह से राठोड के इस्तिफे को लेकर चल रहे हंगामे पर फिलहाल पर्दा पडा है. किंतु इस घटनाक्रम के बाद यवतमाल जिले के राजनीतिक खेमे में गतिविधियां तेजी से बदल रही है. जिले में पुसद का ‘नाईक बंगला’ बंजारा समाज बाबत ‘हेवी वेट’ माना जाता है. हाल ही में संजय राठोड ने बंजारा समाज के काशी के रुप में पहचाने जाने वाले वाशिम जिले के पोहरादेवी में शक्ति प्रदर्शन किया था. तभी से पुसद के ‘बंगले’ का वजन इस बाबत राजनीतिक खेमे में चर्चा हुई थी. राजनीतिक दावपेचो पर गणित बनाने के लिए राष्ट्रवादी की ओर से पुसद के विधायक इंद्रनिल नाईक का मंत्रिमंडल में नंबर लगना चाहिए, इस कारण फिल्डींग भी तेज होने की बात कही जा रही है. इस घटनाक्रम में तेजी से बदलाव हो रहे है. इस खबर को पुसद के बंगले से पुष्टी नहीं मिल पाई, लेकिन सूत्रों की ओर से यह जानकारी दी गई है. कुल मिलाकर संजय राठोड के इस्तिफे के बाद जिले के राजनीति में संभावित दौर में उलटफेर होने की संभावना व्यक्त की जा रही है. कल हुए इस्तिफा मामले पर जिले का विपक्ष भाजपा की ओर से संजय राठोड को राँग बॉक्स में खडा कर रहा है.

  • सरकार क्या गलत लोगों का साथ देगी -येरावार

पूरे 21 दिन के बाद वनमंत्री संजय राठोडा का इस्तिफा आया. इतने दिन बीतने पर भी पूजा चव्हाण मृत्यु मामले में साधा एफआईआर दर्ज करने राज्य की महाविकास आघाडी सरकार विफल साबित हुई है. एक युवती की जान जाने के बाद भी इस गंभीर मामले में महाराष्ट्र की सरकार क्या व्यभिचारी लोगों के साथ खडी रहेगी?. इस तरह का संतप्त सवाल पूर्व राज्यमंत्री तथा यवतमाल के विधायक मदन येरावार ने उपस्थित किया है.

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