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संजय राउत की वजह से हुई शिवसेना में बगावत

पूर्व मंत्री संजय राठोड ने लगाया आरोप

* खुद को बताया सच्चा शिवसैनिक
* ‘मातोश्री’ के दरवाजे खुलने पर वापिस जाने की बात कही
यवतमाल/दि.7– हम आज भी शिवसेना प्रमुख बालासाहब ठाकरे द्वारा बताये गये रास्ते पर चलनेवाले सच्चे शिवसैनिक है और शिवसेना के पार्टी प्रमुख उध्दव ठाकरे हमारे नेता है. जिनके लिए हमारे मन में हमेशा ही आदर का भाव रहेगा और यदि ‘मातोश्री’ के दरवाजे हमारे लिए खुलते है, तो हम ठाकरे परिवार के पास वापिस भी जा सकते है. इस आशय का प्रतिपादन करने के साथ ही पूर्व मंत्री संजय राठोड ने कहा कि, शिवसेना के नेता व सांसद संजय राउत की वजह से पूरा मामला बिगडा और राउत द्वारा की जानेवाली बदजुबानी की वजह से शिवसेना में बगावत हुई.
राज्य में हुए सत्ता परिवर्तन के बाद पूर्व मंत्री संजय राठोड यवतमाल वापिस पहुंचे. जहां उनके जनसंपर्क कार्यालय में समर्थकों द्वारा उनका जल्लोशपूर्ण स्वागत किया गया. इस समय पूर्व मंत्री संजय राठोड ने कहा कि, उनका शिवसैनिकों के साथ कोई झगडा या विवाद नहीं है. यद्यपि उनके द्वारा अचानक शिवसेना से बगावत किये जाने के चलते जिले के शिवसैनिकों ने उनके खिलाफ भूमिका अपनायी, जो तत्कालिक प्रतिक्रिया थी. लेकिन अब वे गांव-गांव जाकर शिवसैनिकों को अपनी भूमिका समझायेंगे और भविष्य में कंधे से कंधा लगाकर काम करेंगे. सेना विधायक संजय राठोड ने यह भी कहा कि, उनके कार्यालय में लगे उध्दव ठाकरे व आदित्य ठाकरे के छायाचित्रों को कभी नहीं हटाया जायेगा. साथ ही बीते दिनों जिन-जिन लोगों ने उन्हेें लेकर गंभीर आरोप लगाये, उन्हें सही समय आने पर जवाब दिया जायेगा.
महाविकास आघाडी से इतने बडे पैमाने पर विधायकों के टूटकर बाहर निकलने के लिए संजय राउत को पूरी तरह से जिम्मेदार बताते हुए विधायक संजय राठोड ने कहा कि, पार्टी प्रमुख उध्दव ठाकरे बगावत की बात सामने आने के बाद एकनाथ शिंदे के साथ चर्चा के लिए तैयार हो गये थे और आदित्य ठाकरे भी सूरत जानेवाले थे, लेकिन संजय राउत ने बीच में अडंगा डालते हुए पूरी बातचीत को बिगाड दिया. राठोड के मुताबिक जब एकनाथ शिंदे अपने समर्थक विधायकों को लेकर सूरत चले गये, तो खुद उन्होंने गुलाबराव पाटील व दादा भुसे को साथ लेकर पार्टी प्रमुख उध्दव ठाकरे से मुलाकात करते हुए शिंदे को वापिस बुलाने के बारे में नियोजन करना शुरू किया और पार्टी प्रमुख उध्दव ठाकरे भी बातचीत के जरिये कोई समाधानकारक रास्ता निकालने की तैयारी में थे, लेकिन संजय राउत ने अपनी हेकडी के चलते पूरा नियोजन बिगाड दिया.

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