संतप्त किसानों ने कपास की जलाई होली
पांढरकवडा में अनोखा सत्याग्रह

9 हजार गारंटी मूल्य की मांग
यवतमाल/दि.20- इन दिनों कपास को उचित दाम नहीं मिल रहा. जिनिंग में रुई की गाठें पडी है. मिल में कपास का धागा पडा है. जिसके कारण कपास फसल संकट में आ गई है. केंद्र सरकार ने कपास उत्पादकों की दिक्कतों को ध्यान में लेकर कपास को तत्काल 9 हजार रुपए प्रति क्विंटल गारंटी मूल्य देने की मांग किसान नेता विजय जावंधिया ने पांढरकवडा में कपास होली सत्याग्रह में की. पांढरकवडा के तहसील चौक में सैकडों किसानों की उपस्थिति में कपास होली आंदोलन किया गया. इस समय विजय जावंधिया ने कहा कि, केंद्र सरकार ने 50 लाख खंडी रुई 70 हजार के दर से बाजार से खरीदें. इस पर अनुदान देकर उसकी निर्यात करने पर देश में कपास की मंदी दूर हो सकती है. अन्यथा अगले साल भी कपास उत्पादक किसान भारी आर्थिक संकट में आएंगे. केंद्र सरकार ने इस विषय को गंभीरता से लेकर कपास उत्पादक किसानों को राहत देने की मांग जावंधिया ने की. इस समय किशोर तिवारी ने कहा कि, आर्थिक तंगी के कारण कई किसान मौत को गले लगा रहे है. सरकार ने प्याज उत्पादक किसानों को प्रति क्विंटल 40 प्रतिशत अनुदान दिया है, लेकिन कपास उत्पादक किसानों के साथ दूजाभाव किया है. इस सत्याग्रह में मोहन मामीडवार, जिला परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष मुबारक तंवर, तहसील कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अमर पाटील, पांढरकवडा कृषि उपज बाजार समिति के उपसभापति प्रेम राठोड, अंकित नैताम ने अपने विचार रखे.
5 हजार रुपए अनुदान घोषित करें
इस वर्ष शुरुआत में हुई बारिश से कपास का बडे पैमाने पर नुकसान हुआ. कपास के दर बढेंगे इस उम्मीद से किसानों ने कपास का घर में भंडारण कर रखा है. लेकिन कपास के दर 7 हजार 500 रूपए प्रतिक्विंटल पर स्थिर है. इस वर्ष कपास का गणित बिगडने से सरकार ने 80 लाख से अधिक कपास उत्पादक किसानों को प्रति क्विंटल 5 हजार रुपए अनुदान घोषित करें यह मांग किसानों ने की है.