यवतमाल/दि.22 – एसटी कर्मचारियों की लंबी हडताल के समय वेतन के लिए चार साल निधि देने का अदालत द्वारा नियुक्त त्रिसदस्यीय समिति ने सरकार की तरफ से मान्य किया था. लेकिन पिछले 11 माह से सरकार की तरफ से अधूरी निधि आती रहने से एसटी बैंक, भविष्य निर्वाह निधि, उपदान आदि मिलाकर कर्मचारियों के 960 करोड रुपए देना बकाया है. इसमें भविष्य निर्वाह निधि, उपदान के 800 करोड रुपए का समावेश है.
कर्मचारियों द्वारा लिए गए कर्ज की वसूली के एसटी को-ऑप. बैंक के करीबन 160 करोड रुपए महामंडल ने बैंक के पास दिसंबर 22 से भरे नहीं है. इसका असर बैंक पर हो रहा है. यही रकम बैंक द्वारा निवेश की गई होती तो इस पर करीबन एक करोड 75 लाख रुपए से अधिक ब्याज बैंक को मिला होता. लेकिन वह डूब गया है. यह घाटा भी बैंक को सहना पडा है. भविष्य निर्वाह निधि व उपदान यह दोनों राशि की एसटी कर्मियों की स्वतंत्र ट्रस्ट है. वेतन से कटौती किया पीएफ व ग्रेज्युएटी की रकम का हिस्सा एसटी ने इस ट्रस्ट के पास अदा नहीं किया है. सितंबर 22 से करीबन 800 करोड रुपए ट्रस्ट के पास जमा न किए जाने से निवेश के बाद इस पर मिलने वाला ब्याज डूब गया है. इस कारण ट्रस्ट के कर्मचारियों का काफी आर्थिक नुकसान हुआ है.
घोषणाओ पर अमल धीमा
सरकार की एसटी व कर्मचारियों के संदर्भ की घोषणा काफी दिखाई देती हो फिर भी इस पर काफी धीमी गति से अमल हो रहा है. इसका परिणाम एसटी के कामकाज पर हुआ है. इस कारण प्रति माह आनेवाला घाटा निकालने के लिए सरकार ने इस घाटे की रकम को तत्काल देना चाहिए.
श्रीरंग बरगे, सचिव
महाराष्ट्र एसटी कर्मचारी कांग्रेस