यवतमाल/दि.3- महाराष्ट्र राज्य मार्ग परिवहन महामंडल (एसटी) की आय वैश्विक महामारी कोरोना के कारण करीबन दो वर्ष कम हुई. इस काल में सरकार ने उधारी चुकता कर महामंडल को सवारा. पश्चात कुछ समय में ही कर्मचारियों की पांच महीने तक हड़ताल रही. जिसके चलते लालपरी की आर्थिक स्थिति और खराब हो गई. लेकिन इस दिवाली में एसटी पर लक्ष्मी प्रसन्न हुई है. सिर्फ दस दिनों में 218 करोड़ 33 लाख रुपए की आय महामंडल को मिली है.
बस की किल्लत रहने के बावजूद एसटी की दस दिनों की आय 20 करोड़ रुपए के करीब हुई. दिवाली से पूर्व वह 13 करोड़ रुपए थी. पहले महामंडल के पास 16 हजार 500 बस गाड़ियां थी. अब यह संख्या 13 हजार 800 तक नीचे आयी है. लेकिन किल्लत के बाद भी जादा बसेस छोड़ने का कसब महामंडल ने दिखाया. यात्रा संख्या बढ़ते ही किये गये नियोजन का लाभ आय बढ़ाने में हुआ.
31 अक्तूबर इस एक ही दिन में 25 करोड़ 33 लाख रुपए आय एसटी ने प्राप्त की. गत दस वर्षों की एक दिन की यह उच्चांकी कमार्ई होने की बात कही जा रही है. आय की बाजू कमकुवत होने के कारण महामंडल को सरकार पर अवलंबित रहना पड़ रहा है. डिजल भरकर बस चलाने इतनी ही आय कुछ आगारों से निकल रही है. इस स्थिति में दिवाली में हुई आय की वृद्धि दिलासा देने वाली है.
तीन करोड़ यात्री
दीपावली के दस दिनों में राज्य के तीन करोड़ 18 लाख 60 हजार नागरिकों ने लालपरी से यात्रा की. यात्रियों को अच्छी सुविधा मिले, इसके लिये महामंडल ने दिवाली से पूर्व परिपत्रक द्वारा विविध सूचना की थी. बस अंदर-बाहर से साफ सुथरी रखे, ब्रेकडाऊन होगा, ऐसी बसेस मार्ग पर न भेजे, बस की सभी सीटें उत्तम होनी चाहिए आदि खबरदारी की सूचना की गई थी. जिसे अमल में लाया गया. पश्चात नागरिकों ने एसटी को पसंद किया.
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धुलिया विभाग प्रथम
दिवाली में 21 से 31 अक्तूबर इन दस दिनों में सर्वाधिक आय प्राप्त करने में धुलिया विभाग पहले स्थान पर रहा. इस विभाग ने 11 करोड़ 41 लाख रुपए की कमाई कर महामंडल की तिजोरी भरी है. जलगांव विभाग 11 करोड़ 32 लाख रुपए की आय प्राप्त करवाने में दूसरे क्रमांक पर है. कोल्हापुर विभाग ने 10 करोड़ 64 लाख की आय लेकर तीसरा स्थान प्राप्त किया.