ग्रीष्मकालीन मूंगफल्ली से विदर्भ के किसानों का हुआ नुकसान
अति उष्णता से फल्ली ही नहीं लगी, किसान आर्थिक संकट में
यवतमाल/दि.21– इस वर्ष के गर्मी के मौसम में विदर्भ में बड़े पैमाने पर भुईमूग (मुंगफल्ली) की उपज हुई. निकालने की स्थिति में आने वाली मूंगफल्ली की स्थिति अब चिंताजनक है. उष्णता की लहर से समय से पहले ही मूंगफल्ली सूख गई. उसे फल्ली ही नहीं लगी. इसमें किसानों का बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है.
विदर्भ में 35 हजार हेक्टर पर मूंगफल्ली की बुआई हुई है. इसमें यवतमाल जिले का क्षेत्र आठ से दस हजार हेक्टर का है. बड़े पैमाने पर मूंगफल्ली की बुआई किये जाने से किसान मूंगफल्ली के उत्पादन पर ही अवलंबित था. लेकिन मूंगफल्ली को चाहिए उतनी फल्लियां नहीं लगने से किसानों पर आर्थिक संकट मंडराया है. दस झाड़ों के बाद एखाद झाड़ पर फल्लियां दिखाई दे रही है. हर खेत में कम-ज्यादा स्वरुप में ऐसी ही अवस्था है. जिसके लिए बुआई के लिए लाखों का खर्च आया, फिर भी हाथ में कुछ नहीं मिलगा, ऐसी स्थिति है. कुल मिलाकर गत दो वर्षों से मूंगफल्ली का उत्पादन कम मात्रा में होने से चिंता की स्थिति निर्माण हुई है.
तेल उत्पादन को फटका
मूंगफल्ली तेल उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है. मूंगफली का उत्पादन कम होने से तेल उत्पादन को फटला बैठेगा. तेल की कीमतें लगातार बढ़ने के कारण मूंगफल्ली निकलने के बाद तेल की दर कम होगी. ऐसा अंदाज था, प्रत्यक्ष में उत्पादन कम होने से दर में किसी भी प्रकार का फर्क नहीं पड़ा है.