यवतमाल

फिर लौट आए वह पुराने दिन

ग्रामीण क्षेत्र में अब मिट्टी के चूल्हों पर पक रहा भोजन

  • उजवला योजना लाभार्थी महिलाओं को ईधन के लिए पड रहा भटकना

यवतमाल/प्रतिनिधि दि.१९ – केंद्र सरकार द्बारा रसाई गैस सिलेंडर के दाम बढा दिए जाने पर रसोई गैस सिलेंडर पर मिलने वाली सबसिडी बंद हुई. जिसमें गैस सिलेंडर खरीदना महिलाओं के लिए बस की बात नहीं रही. जिले में उजवला योजना द्बारा दिए गए हजारों रसोई गैस सिलेंडर घर में खाली पडे हुए है. अब ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को लकडियां चुनने के लिए जंगल व खेतों में जाना पड रहा है. पुन: अब यह महिलाएं अपने घरों में मिट्टी के चूल्हों पर भोजन बना रही है ऐसा ग्रामीण परिसर में दिखाई दे रहा है.
गरीब, गरीबी रेखा के नीचे अंतर्गत आनेवाली महिलाओं को भोजन बनाने में परेशानी न हो और उन्हें लकडियां चुनने के लिए जंगल में जाना ना पडे और वे मिट्टी के चूल्हों से निकलने वाले धूएं से मुक्त हो इस उद्देश्य को लेकर केंद्र सरकार द्बारा 1 मई 2016 को प्रधानमंत्री उजवला गैस योजना शुरु की गई थी. इस योजना की प्रसिद्धी भी बडे प्रमाण में की गई थी. केंद्र सरकार के पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्रालय के सहाकार्य से इस योजना की शुरुआत की गई थी.
इस योजना अंतर्गत महिलाओं को घरेलू इस्तेमाल के लिए एलपीजी गैस कनेक्शन नि:शुल्क दिए गए थे. शुरुआत में केवल इन महिलाओं को गैस सिगडी के पैसे भरने पडे थे. ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं ने यह योजना अच्छी होने की वजह से बडे प्रमाण में आवेदन किए थे और योजना का लाभ भी लिया था. इस योजना अंतर्गत केवल गैस कनेक्शन नि:शुल्क दिया गया था. किंतु गैस सिलेंडर उन्हें अन्य लोगों की तरह ही खरीदना पड रहा था.
अन्य ग्राहकों की तरह उन्हें भी सबसिडी का लाभ मिल रहा था. यवतमाल जिले में इस योजना के 2 लाख 86 हजार 876 लाभार्थी है. शुरुआत में गैस सिलेंडर के दाम 450 रुपए थे और सबसिडी सिधे लाभार्थियों के बैंक खाते में जमा हो रही थी. जिसके चलते महिलाओं को गैस सिलेंडर लेने में किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो रही थी. किंतु गैस सिलेंडर के दाम बढा दिए जाने पर अब सबसिडी मिलना भी बंद हो चुका जिसकी वजह से ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को गैस सिलेंडर लेना मंहगा पड रहा है. इसलिए अब मजबूरी में ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को फिर से मिट्टी के चूल्हे पर खाना पकाने को मजबूर होना पड रहा है.

  • दाम बढने पर सिलेंडर लेना संभव नहीं

रसोई गैस सिलेंडर के दाम बढा दिए जाने पर सिलेंडर लेना संभव नहीं है अब हम पुन: चूल्हों पर भोजन पका रहे है. गांव की सभी महिलाओं की ऐसी ही परिस्थिती है.
– जयश्री विष्णु ढोरे,
लाभार्थी महिला बोथबोडन ग्राम

सबसिडी खत्म होने का फटका लाभार्थियों को
रसोई गैस सिलेंडर के दाम बढ जाने की वजह से उजवला योजना के लाभार्थी नियमित रुप से गैस सिलेंडर ले नहीं पा रहे है. सबसिडी बंद किए जाने का फटका लाभार्थियों को लगा है.
– मिलिंद धुर्वे, गैस कंपनी वितरक यवतमाल

  • रोजगार के साधन उपलब्ध नहीं

उजवला योजना अंतर्गत आनेवाली महिला लाभार्थी अधिकांश ग्रामीण क्षेत्रों से है. आज रसोई गैस सिलेंडर के दाम 850 रुपए के ऊपर चले गए है. गैस कंपनी के ऐजंट शहर में रहते है उनके घरों का सिलेंडर पहुंचाने के लिए जो खर्च आता है वह महिलाओं को ही उठाना पडता है. कोरोना संकट काल में ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार ठप हो गया है. रोजगार के साधन उपलब्ध नहीं होने के कारण महिलाओं को रसोई गैस सिलेंडर खरीदने में अडचने आ रही है. ग्रामीण क्षेत्र की अधिकांश महिलाएं लकडियों पर भोजन पकाने के लिए मजबूर है और उनका अधिकांश समय जंगलों व खेतों में लकडियां चुनने में बीत जाता है.

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