यवतमाल

बाघिन के हत्यारे अब तक फरार

वनविभाग व्दारा खोजबीन जारी

यवतमाल/प्रतिनिधि दि.२० – बाघिन की हत्या मामले में मुख्य आठ आरोपी अब तक फरार होने से वनविभाग व्दारा उनकी खोजबीन जारी है. बाघ के नाखूनों की कीमत बड़ी होने से इस मामले में बड़ा रॅकेट होने का अनुमान व्यक्त किया जा रहा है. आरोपियों को ढूंढने वनविभाग की टीम तीन बार तेलंगना में गई थी लेकिन कुछ भी हाथ नहीं लगा.
पांढरकवडा वनविभाग की हद में मुकुटबन वन परिक्षेत्र के मांगुर्ला आरक्षित वन में 25 अप्रैल को एक गर्भवती बाघिन की हत्या कर उसे जलाने का प्रयास कर आरोपियों ने उसके सामने के दोनों पंजे काटकर ले जाने का प्रयास किया था. इस मामले में मुकुटबन पुलिस ने झरी तहसील के पांढरवणी के अशोक आत्राम व उसके पिता लेतु आत्राम को 30 अप्रैल गिरफ्तार कर उन के घर से हत्या की गई बाघिन का एक पंजा व एक नाखून जप्त किया था.
वनविभाग अधिकारियों व्दारा की गई जांच में पूछताछ के दौरान इन दोनों ने कहा कि हमारे घर में कुछ लोगों ने बाघिन का पंजा व एक नाखून रखने के लिये दिया था. बाघिन की हत्या से हमारा कोई संबंध नहीं होने की बात उन्होंने कही. इस मामले में आठ मुख्य आरोपी होने के साथ ही वे समीपस्थ तेलंगन के होने की बात पता चली. फिलहाल इस मामले में गिरफ्तार किये गये दोनों आरोपी न्यायालयीन हिरासत में है. इस मामले के मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके पास से बाघिन का पंजा व 9 नाखून जप्त करने वन विभाग की टीम तीन बार तेलंगण में जाकर वापस आयी, लेकिन आरोपियों का पता नहीं चल सका.
इस बाघिन की हत्या होने से पूर्व पांढरकवडा वनविभाग के झरी तहसील के मारेगांव वनपरिक्षेत्र में 23 मार्च को बाघिन की संशयास्पद मृत्यु हुई थी.बाघिन के गले में तार का फंदा अटका हुआ पाया गया था. ताडोबा के अधिकारी इस मामले की खोजबीन हेतु गये थे. इस मृत बाघिन के सभी अवयव सुरक्षित थे. सबूत न होने से अपराध दर्ज नहीं किया गया.वनविभाग के अधिकारियों ने इस बाघिन की संशयास्पद मृत्यु बाबत जांच की, लेकिन कोई ठोस सबूत हाथ नहीं लगा.

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