यवतमाल

सुकनेगांव के जंगल में भूख से व्याकुल दो शावको की मौत

लापता मादा बाघ की खोज में वनविभाग का दल

यवतमाल/दि.03– जिले के वणी तहसील के सुकने गांव के पास के जंगल में तालाब किनारे बाघिन के दो शावको की मृत्यु होने की घटना गुरुवार को प्रकाश में आई. इसमें से एक की बुधवार को और दूसरे शावक की गुरुवार को मृत्यु हो गई. इन दोनों शावको की मां रही मादा बाघ लापता है. वनविभाग के पांच दल उसकी खोज में है. भूख से व्याकुल होने से इन शावको की मृत्यु होने का प्राथमिक अनुमान वन अधिकारियों ने लगाया है.

वणी तहसील के सुकनेगांव परिसर में राजस्व का जंगल है. इस जंगल में एक छोटा तालाब है. इस तालाब के पास बुधवार को सुबह एक माता शावक मृतावस्था में दिखाई दिया. मंदर की नर्सरी में इस शावक पोस्टमार्टम किया गया. इस घटना को 24 घंटे भी नहीं हुए थे कि, गुरुवार को सुबह इसी तालाब परिसर में फीर एक मादा शावक का शव बरामद हुआ. वनविभाग के अधिकारियों ने घटनास्थल पहुंचकर पंचनामा किया. पश्चात पोस्टमार्टम के लिए इन शावको को नागपुर के गोरेवाडा रवाना किया गया. इस घटना के बाद वनविभाग के अधिकारियों ने घटनास्थल भेंट देकर वहां का जायजा किया.

* मादा बाघ की खोज में पांच दल
दो दिन से मादा बाघ शावको से दूर है. इन शावको की आयु दो से तीन माह रहने से मादा बाघ के दूध पर ही उनक पोषण शुरु था. लेकिन मादा बाघ दूर चले जाने से इन शावको को दूध नहीं मिला. इस कारण उनकी भूख से मृत्यु होने की आशंका वन अधिकारियों ने व्यक्त की है. इस मादा बाघ की खोज के लिए वनविभाग के पांच दल घटना के बाद संपूर्ण जंगल में फैले हुए है. लेकिन कहीं भी मादा बाघ के पंजो के निशान बरामद नहीं हुए है.

* भूख से ही शावको की मौत
दोनो शावको की आयु काफी कम रहने से वे शिकार नहीं कर पाते थे. बाघिन के दूध पर ही उनकी भूख शांत होती थी. पिछले दो दिनों से मादा बाघ से यह शावक बिछड गए थे और इसी कारण उनकी मृत्यु होने का अनुमान है. मादा बाघ की गतिविधियों को कैद करने के लिए परिसर में 10 ट्रैप कैमरे लगाए गए है.
– प्रभाकर सोनडवले, आरएफओ, वणी.

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