यवतमाल

भर बारिश में दो महिलाओं ने ऑटों में दिया बच्चों को जन्म

फोन करने के बाद भी नहीं पहुंची एम्बुलेंस

* स्वास्थ्य विभाग की उजागर हुई पोल
यवतमाल/ दि.15 – सभी ओर मुसलाधार बारिश की वजह से हाहाकार मचा हुआ है. ऐसे में मारेगांव तहसील की दो आदिवासी महिलाओं ने भर बारिश के बीच महिलाओं ने ऑटो में ही बच्चों को जन्म दिया. यह घटना 12 जुलाई की रात घटी. इससे स्वास्थ्य यंत्रणा की असली पोल उजागर हुई हेै.
महाराष्ट्र की स्वास्थ्य यंत्रणा आज भी कमजोर हेै. आदिवासी कोलाम बस्ती के रोहपट में रहने वाली चंदा यह 25 वर्षीय महिला को अचानक प्रसूति की वेदना होने लगी. इसकी जानकारी आशा वर्कर को दी गई. आशा वर्कर ने एम्बुलेंस के लिए अस्पताल में मोबाइल से संपर्क साधा. परंतु एम्बुलेंस काफी समय तक आयी ही नहीं. महिला की तकलीफ बढने लगी. तब महिला को मजबूरी में भर बारिश में ऑटो से ले जाने का निर्णय लिया, मगर आधे रास्ते में ही खैरगांव के पास एक निर्जन स्थल पर भर बारिश में रात 8 बजे चंदा ने एक बच्चे को जन्म दिया. ऐसी अवस्था में उसे वहीं के ग्रामीण अस्पताल में भर्ती किया.
दूसरी घटना खैरागांव भेदी में घटी. वर्षा नामक 24 वर्षीय महिला मायके में प्रसूति के लिए आयी थी. 12 जुलाई को ही उस महिला को भी प्रसव पिडा शुरु हुई. गांव की आशा वर्कर के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग को सूचना दी गई. एम्बुलेंस भेजने की विनंती की. परंतु स्वास्थ्य विभाग ने इसे गंभीरता से नहीं लिया. इस महिला की भी रास्ते में ऑटो में प्रसूति हो गई. इस महिला को ऑटो से अस्पताल ले जाते समय दर्द के मारे तडप रही थी. इस गर्भवती महिला के साथ स्वास्थ्य विभाग का एक भी कर्मचारी नहीं था. इस घटना के कारण स्वास्थ्य विभाग की सच्चाई उजागर हुई है. संबंधित अधिकारी व कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई कर स्वास्थ्य यंत्रणा में सुधार लाने की मांग लोगों व्दारा की जा रही है.

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