यवतमाल

उर्दू शिक्षकों को उर्दू में ही मिलेगा प्रशिक्षण

राज्य के 34 हजार शिक्षकों को मिली राहत

यवतमाल/दि.23 – जिस भाषा का ज्ञान नहीं होने से उस भाषा से प्रशिक्षण दिया जाने से राज्य के उर्दू माध्यम के 34 हजार शिक्षकों की दिक्कत निर्माण हो गई थी. आखिरकार प्रशासन ने 34 हजार उर्दू शिक्षकों को उर्दू भाषा में ही प्रशिक्षण देने का निर्णय लिया है. जिससे राज्य के 34 हजार शिक्षकों को राहत मिलेगी.
यहां बता दें कि राज्य में पहली से आठवीं के शिक्षकों के लिए राज्य शैक्षणिक संशोधन व प्रशिक्षण संस्था ने निष्ठा प्रशिक्षण आयोजित किया है. बीते 27 नवंबर से शुुुरु हुए इस प्रशिक्षण के लिए केवल अंग्रेजी और उर्दू इन दो भाषाओं का उपयोग किया जा रहा है. परंतु राज्य के 5 हजार से अधिक उर्दू माध्यम स्कूलों के शिक्षकों को भाषाओं की दिक्कतें आ रही थी. प्रशिक्षण देने वाले विशेषज्ञों की जानकारी भी उनके सिर के उपर से जा रही थी. इसलिए प्रशिक्षण के बाद भी राज्य के उर्दू स्कूल के लाखों शिक्षकों के सामने छात्रों को कैसे पढाया जाए, ऐसा सवाल भी उठने लगा था. आखिरकार राज्य शैक्षणिक संशोधन व प्रशिक्षण परिषद में उर्दू शिक्षकों के लिए निष्ठा प्रशिक्षण का स्वतंत्र टाईम टेबल तैयार किया. परिषद के सहसंचालक विलास पाटिल के आदेश के बाद उर्दू माध्यम का प्रशिक्षण 21 दिसंबर से शुरु किया गया है. यह प्रशिक्षण 4 अप्रैल 2021 तक जारी रहेगा. इस संदर्भ में महाराष्ट्र राज्य उर्दू शिक्षक संगठन ने जबर्दस्त प्रयास किया. छात्रों के फायदे के लिए उर्दू भाषा पर शिक्षकों की सही निष्ठा ही कडी साबित हुई है.

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