यवतमाल

नया रेनकोट पहनकर घूमने का शौक पड गया भारी

सुबह स्कूल के लिए निकला छात्र बाढ के पानी में बहा

* घर के सामने नाली में ही फंसा
यवतमाल/दि.19– समीपस्थ मुलकी परिसर स्थित राधाकृष्ण नगर में रहनेवाले कक्षा 7 वीं के छात्र जय शंकर गायकवाड (12) पर नया रेनकोट पहनकर बारिश में घूमने हेतु निकलने का शौक भारी पड गया और स्कूल जाने के लिए निकला यह विद्यार्थी अपने ही घर के सामने से होकर बहनेवाली नाली में जा गिरा और नाली के उपर बने रपटे के नीचे जाकर अटक गया. इस समय जोरदार बारिश की वजह से नाली पूरी तरह पानी से भरी हुई थी. जिसमें डूब जाने की वजह से इस बच्चे की मौत हो गई.
बता दें कि, डेढ माह पहले ही जय के पिता शंकर गायकवाड की मौत हो गई थी. जिसके बाद जय की मां जय सहित उसकी बडी बहन को लेकर अपने पिता के यहां रामकृष्ण नगर में रहने चली आयी थी. जय गायकवाड इस समय देवराव पाटील स्कुल की कक्षा 7 वीं का छात्र था और विगत कई दिनों से अपनी मां से नया रेनकोट खरीदकर देने के लिए कह रहा था. जिसके चलते जय की मां ने दो दिन पहले ही उसे नया रेनकोट खरीदकर दिया था, लेकिन शुक्रवार व शनिवार को बारिश ही नहीं रहने की वजह से जय अपने नये रेनकोट को पहन ही नहीं पाया. वही रविवार की रात से एक बार फिर जोरदार बारिश शुरू हुई और सोमवार की सुबह नींद से उठने के बाद जय को जैसे ही झमाझम बारिश होती दिखाई दी, तो उसने अपना नया रेनकोट पहनकर स्कुल जाने की तैयारी शुरू की. हालांकि इस समय जय की मां ने उसे यह कहते हुए स्कुल जाने से रोका कि, इतनी बारिश में स्कुल नहीं होगी. परंतू जय नया रेनकोट पहनकर बारिश में स्कुल जाने की जिद पर अडा रहा और सुबह 7 बजे अपने घर से बाहर निकला. पश्चात स्कुल पहुंचने पर उसे बताया गया कि, आज स्कुल बंद है, तो वह वहां से वापिस अपने घर की ओर लौटने लगा. नाली के किनारे-किनारे चलते हुए अपने घर की ओर लौटते समय सुबह करीब 8.30 बजे के आसपास अपने घर के पास ही करीब ढाई फीट चौडी नाली में पैर फिसल जाने की वजह से जय गिर गया और पानी के तेज बहाव में बहते हुए नाली पर बने एक रपटे के नीचे जाकर फंस गया. यह बात ध्यान में आते ही परिसर में रहनेवाले नागरिकों ने तुरंत जय को बचाने के लिए दौडभाग की. लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी. क्योंकि नाली में पानी का प्रवाह काफी जोरदार रहने के चलते रपटे के नीचे फंसे जय के फुफ्फुस में पानी घूस गया और दम घूटने की वजह से उसकी मौत हो गई.
* राजस्व प्रशासन ने बढाया सहायता का हाथ
इस घटना की जानकारी मिलते ही यवतमाल के तहसीलदार कुणाल झालटे तुरंत मौके पर पहुंचे और उन्होंने गायकवाड परिवार के सदस्यों से मिलकर उन्हें सांत्वना प्रदान की. साथ ही प्रशासन द्वारा यह भी बताया गया कि, गायकवाड परिवार को बाढ प्रभावित के तौर पर सहायता प्रदान की जायेगी और करीब 4 लाख रूपयों की आर्थिक मदद दिलवाई जायेगी.

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