यवतमाल

क्या अंधविश्वास ने ली मानवी की जान?

पुलिस तलाश रही हर एंगल

यवतमाल/ दि.30– जिले के आर्णी तहसील के कुर्‍हा डुमनी गांव में तीन वर्षीय मानवी चोले की हत्या का मामला सामने आया था. इस मामले में मानवी की सगी चाची दीपाली को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. करीब सात दिनों बाद यह मामला उजागर हुआ है, फिर भी मासूम मानवी की हत्या दीपाली ने कौनसी वजह के लिए की है, यह सवाल अभी भी बना हुआ है. मानवी की हत्या पूर्णिमा के दूसरे दिन की गई है, जिससे यह हत्या नरबली होने का संदेह जताते हुए पुलिस ने उसी दिशा में जांच करना शुरु किया है.
बता दें कि, तीन वर्षीय मानवी 20 दिसंबर से लापता थी. सात दिन के बाद उसकी हत्या उसकी चाची दीपाली ने की और घर के अनाज की कोठी में उसका शव छिपाकर रखने की बात उजागर हुई. मानवी व दीपाली का परिवार आस-पडोस में ही रहते है और दोनों परिवारों में संबंध भी अच्छे थे. कभी उनके बीच झगडा भी नहीं हुआ था. फिर भी मासूम मानवी की हत्या उसकी चाची दीपाली ने इतनी निदर्यता से की यह बात पुलिस के समझ के परे है. दीपाली का कुल व्यवहार और घटनास्थल की स्थिति देख यह हत्या यानी नरबली का होने के शक के आधार पर पुलिस उस दिशा में जांच आरंभ की है.
उल्लेखनीय है कि, मानवी की हत्या हुई उसके पहले दिन 19 दिसंबर को मार्गशीर्ष पूर्णिमा थी. पूर्णिमा के बाद का प्रदोष काल यह तांत्रिक-मांत्रिकों की दृष्टि से उपयुक्त समझा जाता है. उसमें भी यह पूर्णिमा 100 वर्ष बाद आने की बात कही जा रही है. ठिक उसके दूसरे दिन यह हत्या का मामला सामने आने से पुलिस इस मामले को नरबली के संदेह के आधार पर ले रही है.

पैसों की लालच में अंधश्रद्धा के मार्ग पर
दीपाली का पति नशेडी हैै वहीं ससुराल की आर्थिक स्थिति भी काफी कमजोर है. जबकि दीपाली के मायके के हालात काफी बेहतर है. इसलिए संभव है कि पैसों के प्रलोभन में पडकर दीपाली ने अंधविश्वास को प्राथमकिता देने का संदेह जताया जा रहा है. दीपाली मां लक्ष्मी की बडी भक्त है और उसके घर में लक्ष्मी का देवालय है, जहां पर 8 से 10 मूर्तियां भी पायी गई.

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