यवतमाल

यवतमाल जिले में सोयाबीन फसल पर यलो मोजेक का प्रकोप

किसानों को सहायता प्रदान करने की मांग

यवतमाल/दि.27– लगातार बारिश के कारण यवतमाल जिले में सोयाबीन की फसल संकट में है. फल्लियां लगने की अवस्था में रहने वाली सोयाबीन फसल पर यलो मोजेक रोग का प्रकोप है. इस रोग के आक्रमण से फसल सूख रही है. पिछले कुछ वर्षों से संकट झेल रहे किसान यलो मोजेक के प्रकोप से एक बार फिर संकट में हैं. प्रदेश कांग्रेस के महासचिव देवानंद पवार ने सरकार से मांग की है कि जिले के सोयाबीन किसानों को मदद दी जाये क्योंकि सोयाबीन से कोई आय होने की संभावना नहीं है.
यवतमाल जिले में कपास और सोयाबीन की खेती सबसे ज्यादा की जाती है. इस साल भी किसानों ने कपास के अलावा सोयाबीन भी बड़ी मात्रा में लगाया है. इस खरीफ सीजन में में अर्ली किस्मों के अलावा अन्य सोयाबीन पर यलो मोजेक का आक्रमण हुआ है. इस रोग से सोयाबीन के पौधे सूख रहे हैं. चूंकि यह फसल की कटाई का समय है, इसलिए इस बीमारी का प्रकोप खतरनाक होता जा रहा है. विशेष बात यह है कि कृषि विभाग के अधिकारियों ने किसानों को फुले संगम नामक सोयाबीन की किस्म वितरित की थी. इसलिए किसानों ने भी विश्वास किया और बड़ी मात्रा में इस किस्म को लगाया. हालांकि, आज यह किस्म बीमारी की भेंट चढ़ गई है. कृषि विभाग के साथ-साथ विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक भी किसानों का मार्गदर्शन करने में विफल रहे हैं. जब खेती की लागत बढ़ गई है तो इस संकट के कारण किसानों को फिर से दवा पर खर्च करना पड़ रहा है. यह बात सामने आई है कि कई किसान अधिक लागत और कम उत्पादन की संभावना के कारण सोयाबीन के पौधे उखाड़ रहे हैं. इसलिए देवानंद पवार ने मांग की है कि सरकार तुरंत पंचनामा करे और सोयाबीन किसानों को प्रति हेक्टेयर 50 हजार रुपए की सहायता प्रदान करे.

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