* समय पर मदद न मिलने पर गांववासियों ने किया रास्ता रोको
यवतमाल/दि.22- जिले में जारी बारिश के कारण प्रकल्पों में अधिक मात्रा में पानी जमा हो रहा है. बेंबला प्रकल्प के दो दरवाजे 25 सेंटीमीटर तक खोल दिए गए है. इसमें से प्रति सेकंद 40 घनमीटर पानी का निसर्ग शुरु है. इस प्रकल्प के पाणलोट क्षेत्र में बड़े पैमाने पर बारिश होने से जल संचयन बढ़ा है. फिलहास इस प्रकल्प में 81 प्रतिशत उपयुक्त जल संचयन है. नदी किनारे के गांववासियों को सतर्कता बरतने कहा गया है.
दरमियान लोवर वर्धा प्रकल्प के भी तीन दरवाजे 30 से.मी. तक खोले गए हैं. इनमें से प्रति सेकंद 76.86 घनमीटर पानी छोड़ा जा रहा है. प्रकल्प का पानी छोड़े जाने से नदी किनारे के गांवों को सतर्कता की चेतावनी दी गई है. जिले में हुई जोरदार बारिश से प्रमुख बांध का जल संचयन बढ़ा है. अधिकांश बांध लबालब भर गए हैं. सोमवार की सुबह तक जिले के चार प्रमुख प्रकल्प में लक्षणीय जल संचयन था. अरुणावती प्रकल्प में गत वर्ष 86.68 प्रतिशत पानी थी. इस बार इस प्रकल्प में 84.11 प्रतिशत जल जमा है. बेंबला प्रकल्प भी लबालब है. इस प्रकल्प में 45.32 प्रतिशत जल संचयन उपलब्ध है. वहीं इसापुर प्रकल्प में 65.42 प्रतिशत एवं पूस प्रकल्प में 82.91 प्रतिशत जल जमा है. जिले के अन्य मध्यम व लघु प्रकल्प में भी जल जमा होने के साथ ही बड़े पैमाने पर बारिश होने के बाद बांध से पानी का विसर्ग किया जा रहा है.
सेवानिवृत्त शिक्षक का अब भी पता नहीं
अकोला बाजार- गांव के पास से बहने वाली नदी में बह गए सेवानिवृत्त शिक्षक का एक महीने होने के बाद भी पता नहीं लगा. विलास सुखदेव खरतडे (60, अकोला बाजार) यह सेवानिवृत्त शिक्षक का नाम है. अकोला बाजार में नदी किनारे पर उनकी खेती है. 22 जुलाई की सुबह 6 बजे के करीब वे दुपहिया से खेत में गए थे. नदी में पानी बढ़ने के कारण दुपहिया को पेड़ से बांधते थे. उस समय पानी के बहाव में बह गए, लेकिन अब तक उनका कोई पता नहीं लगा.
* बचाव टीम का नदी में दिनभर खोज अभियान
अकोला बाजार/कुर्हा (तलणी)- सर्वत्र नागपंचमी का त्यौहार मनाये जाते समय बोरगांव पुंजी गांव में पूजा के लिए स्नान करते समय नदी में युवक बह गया. सोमवार की सुबह 9 बजे के करीब यह घटना घटी. योगेश सुभाष राठोड (18, बोरगांव पुंजी) यह बह गए युवक का नाम है.
योगेश यह नागपंचमी निमित्त पूजा करने के लिए अडाण नदी किनारे स्थित उत्तरेश्वर मंदिर में दूध व पूजा का साहित्य साथ में ले गया था. इससे पूर्व वह समीप की अडाण नदी में स्नान के लिए गया, पैर फिसलने से बाढ़ में वह बह गया. जिसकी जानकारी वहां उपस्थितों ने गांव में दी. जिस पर गांव के कुछ लोगों ने बाढ़ में तैरकर उसकी खोजबीन करने का प्रयास किया.
इस घटना की जानकारी प्रशासन को दी गई. लेकिन खोजबीन हेतु किसी भी प्रकार की मदद नहीं मिली. जिसके चलते संतप्त नागरिकों ने रास्ते पर ट्रैक्टर खड़ा कर रास्ता रोको का प्रयास किया. यवतमाल से खोज पथक पहुंचने की बात कहने पर रास्ता खोल दिया गया. दोपहर 2.30 बजे से खोजबीन शुरु की गई. यहां के तहसीलदार परशुराम भोसले, तलाठी सुनील राठोड, बिट जमादार सुशील शर्मा आदि घटनास्थल पर पहुंचे थे. शाम 6 बजे तक खोज अभियान चलाया गया.
जिले में हुई वार्षिक औसत के 84% बारिश
इस वर्ष के सत्र में मासिक बारिश 115 प्रतिशत दर्ज की गई है.यह बारिश वार्षिक औसत की 84 प्रतिशत है. जिले में अब तक दो तहसीलों ने वार्षिक औसत भी पार की है. जिसमें आर्णी तहसील में वार्षिक औसत के 139 प्रतिशत बारिश हुई है वहीं यवतमाल तहसील में 104 प्रतिशत बारिश दर्ज की गई है. नेर, पुसर एवं उमरखेड में वार्षिक औसत बारिश दर्ज हुई है.