सीसीटीवी को लेकर जिला परिषद और निजी स्कूलें गंभीर नहीं

जिले की 2000 स्कूलें सीसीटीवी से वंचित

* छात्रों की सुरक्षा को लेकर नहीं दिखाई जा रही गंभीरता
* निधि का अभाव, कडी कार्रवाई की जरूरत
अमरावती/दि.18 – जिले के सरकारी और निजी मिलाकर कुल 2,881 स्कूलों में से केवल 800 स्कूलों में ही सीसीटीवी कैमरे हैं, जबकि 2000 स्कूलों में अभी भी सीसीटीवी कैमरे न होने से छात्राओं की सुरक्षा खतरे में दिखाई देती है. इसके लिए शिक्षा विभाग और स्कूलों के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों की उदासीनता को भी जिम्मेदार बताया जा रहा है.
पिछले साल बदलापुर के एक स्कूल में पढने वाली नाबालिग छात्रा के साथ हुई घटना के बाद सरकार ने राज्य के सभी स्कूलों में तुरंत सीसीटीवी लगाने का आदेश दिया था. इसके लिए स्कूल की आरक्षित निधि को भी खर्च करने की अनुमति दी थी. फिर भी, अमरावती जिले में देखा जा रहा है कि ज़्यादातर स्कूलों ने इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं लिया है. शिक्षा विभाग समय लेने वाले कामों में लगा हुआ है, जैसे स्कूलों को प्राथमिकता देना, छात्रों की संख्या के आधार पर यह जांच करना कि किन स्कूलों में पहले सीसीटीवी की जरूरत है, और फिर सीसीटीवी के लिए जिला योजना समिति के साथ मिलकर सरकार से निधि की मांग करना आदि काम में शिक्षा विभाग लगा है. स्कूलों में हर तरह की गडबडियों को रोकने के लिए सीसीटीवी कैमरा लगाना एक प्राथमिक आवश्यकता होने के बावजूद जिले में शिक्षा क्षेत्र में इस संबंध में उदासीनता दिखाई दे रही है.
जिला परिषद स्कूलों में शिक्षा विभाग को डीपीसी से मिले 2.29 करोड रुपये के फंड से 255 स्कूलों में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए. ऐसा इसलिए क्योंकि इन स्कूलों में लडकियों और कुल छात्रों की संख्या ज्यादा है. हालांकि, अन्य स्कूलों में सीसीटीवी कैमरे लगाने का प्रस्ताव अटका हुआ है. प्रस्ताव तैयार कर सीईओ को मंजूरी के लिए भेज दिया गया है और उनके जरिए डीपीसी को सौंपा जाएगा. इसके बाद फंड मिलते ही कैमरे खरीदकर स्कूलों में लगाए जाएंगे. फिलहाल जिला परिषद की 250 स्कूलों में सीसीटीवी कैमरे लगाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है, लेकिन इसे पूरा होने में 15 से 20 दिन लगेंगे. शिक्षा विभाग ने तुरंत कार्रवाई करते हुए सीसीटीवी नहीं लगाने वाले निजी स्कूलों को भी पत्र जारी कर दिया है. शिक्षा विभाग ने बताया कि कुछ महानगरपालिका स्कूलों में भी सीसीटीवी कैमरे लगाने की प्रक्रिया चल रही है.
* स्कूल में इस जगह पर सीसीटीवी की जरूरत
स्कूलों के प्रवेश द्वार, स्कूलों में खुले क्षेत्र जहां बडा संख्या में छात्र हैं, शौचालयों के बाहर, दो से तीन मंजिला स्कूल है, तो सीढियों पर, खेल के मैदान में और जहाँ ऑडिटोरियम स्थित है, वहां सीसीटीवी कैमरे लगाने से छात्रों की सुरक्षा के साथ-साथ अप्रिय घटनाओं को रोकने में भी मदद मिल सकती है. कई स्कूलों में स्कूल के पीछे सीसीटीवी कैमरे लगे होते हैं. अगर क्षेत्र में और भी जगह खाली है, वहां सीसीटीवी कैमरे लगे हैं तो इस क्षेत्र पर भी नजर रखी जा सकेगी.
* कडी कार्रवाई की जरूरत
जिन सरकारी, निजी, अनुदानित, गैर अनुदानित प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालय में छात्रों की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाने को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए. कुछ अभिभावकों ने यह राय व्यक्त की है कि अगर कोई अनुचित घटना घटित होती है, तो उसके लिए कौन जिम्मेदार है? छात्रों की सुरक्षा को लेकर लापरवाही कतई नहीं की जानी चाहिए.
* जिले के कई निजी स्कूल, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूलों में सीसीटीवी लगाने के प्रति अभी भी उदासीनता है. शिक्षाधिकारी कार्यालय ने तुरंत सीसीटीवी लगाने संबंध में पत्र दिया गया था. लेकिन इसका अब तक कोई परिणाम नहीं होने से शिक्षाधिकारी कार्यालय ने पत्र जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.

जल्द हीं लगेंगे सीसीटीवी
सरकार और डीपीसी से मांगी गई निधि उपलब्ध हुई है. इस निधि से कैमरे खरीद लिए गए हैं और 15 दिन में सीसीटीवी लगा दिए जाएंगे. निजी स्कूलों में भी सीसीटीवी लगाने पत्र दिया गया है. जिन स्कूलों में लडकियों की संख्या ज्यादा है ऐसे 250 स्कूलों का चयन करने में समय लगा और कुछ स्थानों पर तो निधि भी उपलब्ध नहीं थी. जल्द ही सीसीटीवी लगाने का काम शुरु कर दिया जाएगा, ऐसा जिप के प्रभारी शिक्षाधिकारी सतीश मुगल ने बताया.

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