विभिन्न मांगों को लेकर जिप स्वास्थ्य कर्मियों ने किया आंदोलन
दो साल से मांगे लंबित

अमरावती /दि. १६- जिला परिषद के स्वास्थ्य कर्मचारियों की मांगे बीते दो साल से लंबित है. जिला स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा उनकी मांगों की ओर अनदेखी की जाने से हेल्थ एम्प्लॉईज संगठन ने सोमवार को जिला स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के सामने संगठन के अध्यक्ष देवेंद्र शिंदे के नेतृत्व में बेमियादी धरना आंदोलन शुरु किया. संगठन के कईबार आंदोलन करने के बाद भी जिला स्वास्थ्य अधिकारी व प्रशासन कुंभकर्णी नींद में है. १० अक्टूबर २०२२ को संगठन के एक दिवसीय आंदोलन किया था. उस दौरान सीईओ ने डीएचओ के साथ बैठक आयोजित करने की बात कही थी. १५ अक्टूबर को डीएचओ ने संगठन के पदाधिकारियों के साथ चर्चा की और सभी मांगे ३० अक्टूबर तक हल करने का मौखिक आश्वासन दिया था, बावजूद इसके अब तक मांगे पूरी नहीं हुई. १५ नवंबर को भी डिप्टी सीईओ ने केवल आश्वासन दिया था, इसलिए संगठन ने सोमवार १६ जनवरी से आंदोलन शुरु किया है. आंदोलन में संगठन के अध्यक्ष देवेंद्र शिंदे समेत विनोद डोंगरे, रजनीकांत श्रीवास्तव, अशोक पोकले, सुभाष चव्हाण, विनोद पारोदे, गोकुल बांबल, साहेबराव वानखडे, राजेश पणजकर, राजू मेश्राम, कामाजी हराल, प्रदीप होले, गोपाल ठोसर, कविता पवार, शालिनी गवई, शालिनी भाकरे, लक्ष्मी बनसोड, सुजाता रोडगे, मालती पाटील, सुनंदा राऊत, देवांगना भुंबरकर, प्राची घोरमाडे, भाग्यश्री कुर्मवंशी, संजय केलकर, भगवान राऊत, अतुल वानखडे, कुलदीप रुद्रकार, विवेक उमक, प्रवीण औगड, आकाश हिंगलासपुरे, संजय लखनऊवाले, संदीप कात्रे, दादाराव निंघोट, दिनेश साबले आदि शामिल हुए.
यह है मांगे
मेलघाट में तबादला हुए कर्मचारियों को कार्यमुक्त किया जाए, सभी संवर्ग निहाय पदोन्नति प्रकरण जल्द हल करें, वेतन १ से ५ तारीख के अंदर अदा किया जाए, कर्मचारियों के तबादला संबंध में न्यायालयीन प्रकरण का निपटारा करें, समयबद्ध प्रकण जल्द से जल्द हल करें आदि सहित अन्य मांगों का समावेश है.





