87 फीसद किसान फसल बीमा से दूर

4 मानक बदल जाने का योजना पर ‘फटकार’

अमरावती /दि.31– फसल बीमा योजना में इससे पहले तय किए गए मानकों को इस बार बदल दिया गया है. साथ ही एक रुपए में किसानों का सहभाग बंद कर दिया गया है. जिसके चलते गत वर्ष की तुलना में इस बार 87 फीसद किसान फसल बीमा योजना से दूर है.

गत वर्ष फसल बीमा योजना में 5.10 लाख किसानों का सहभाग था. वहीं अब इस योजना के अंतिम 48 घंटे बाकी रहते समय केवल 58 हजार किसानों ने ही इस योजना के तहत फसल बीमा निकाला है.
सरकार ने संशोधित फसल बीमा योजना घोषित किए, जिसमें इससे पहले रहनेवाली योजना के कुछ महत्वपूर्ण मानकों को कम कर दिया गया है, ऐसा किसानों का आरोप है. साथ ही गत वर्ष बारिश की वजह से नुकसान होने पर कंपनी के प्रतिनिधि के साथ नुकसानों का अनुभव अच्छा नहीं रहा. औसत से अधिक बारिश के चलते फसले प्रभावित होने के बावजूद नुकसान भरपाई नहीं दी गई. इसके साथ ही अन्य कई आरोपों के चलते चर्चा में रहनेवाली इस योजना में किसानों का सहभाग बेहद अत्यल्प है, ऐसी चर्चा भी चल रही है.

* योजना की मौजूदा स्थिति
बुधवार की दोपहर तक 58,646 किसान इस योजना में शामिल हुए थे. इसके अलावा 225 कर्जदार व 101 बिगर कर्जदार किसानों के भी आवेदन प्राप्त हुए. इस जरिए 93,013 हेक्टेअर क्षेत्र बीमा संरक्षित किया गया है. इस योजना में किसानों का 529.14 लाख रुपए तथा राज्य सरकार का 126.87 लाख व केंद्र सरकार का 126.87 लाख रुपए का हिस्सा है.

* फसल कटाई प्रयोग पर ही भरपाई
इससे पहले फसल बीमा योजना में 5 ट्रीगर के आधार पर नुकसान भरपाई दी जाती थी. परंतु अब संशोधित योजना में स्थानीय प्राकृतिक आपदा, मौसम की प्रतिकुल परिस्थिति व कटाई पश्चात होनेवाले नुकसान की भरपाई के साथ ही अन्य ट्रीगर हटा लिए जाने का आरोप किसानों द्वारा लगाया जा रहा है.

* खरीफ व रबी फसल बीमा से मुख्य 4 ट्रीगर इस बार हटा लिए जाने के चलते अब नुकसान भरपाई मिलन मुश्किल होगा. जिसके चलते इस योजना को खोई खास प्रतिसाद नहीं मिल रहा और इसमें किसानों का कोई विशेष सहभाग भी नहीं है.
– पुष्पक खापरे
सदस्य, जिला शिकायत निवारण समिति.

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