13 और 14 दिसंबर को जेमिनिड उल्का वर्षा
देखने का आवाहन

अमरावती/दि.11– 13 और 14 दिसंबर की रात को आकाश में पूर्व दिशा में उल्का वर्षा होती नजर आएगी. जेमिनिड को उल्का वर्षा कहा जाता है. यह जानकारी शौकिया खगोल अध्ययनकर्ता विजय गिरुलकर ने दी. उन्होंने बताया कि, अमरावती के लोगों को विशेषकर खगोल प्रेमियों को उल्का वर्षा का विलोभनीय दृष्य अवश्य देखना चाहिए.
गिरुलकर ने बताया कि, उल्का वर्षा लघुग्रह 3200 फेथन के कचरे से तैयार होती है. सामान्य रुप से 13 और 14 दिसंबर की रात यह उल्का वर्षा देखी जा सकेगी. 120 उल्का रंगबिरंगी प्रत्येक घंटे मेें बनती है. रात्रि के अंधियारे में कभी-कभी एक प्रकाश रेखा चमकती है, जिसे टूटता तारा कहते हैं. किंतु तारा कभी टूटता नहीं. यह एक खगोलीय घटना होती है.
विजय गिरुलकर ने बताया कि, धूमकेतू अथवा लघुग्रह पृथ्वी की प्रदक्षीणा करते हुए उनके कुछ भाग टूटकर गिरते है. जिसे लेकर भी लोगों मेें काफी अंधश्रद्धा है. खगोलशास्त्र में अंधश्रद्धा को आधार नहीं है. मराठी विज्ञान परिषद के अध्यक्ष प्रवीण गुल्हाने एवं विजय गिरुलकर ने अपनी घर की छत से अथवा शहर से बाहर जाकर अंधियारे से आकाश की आतिशबाजी अर्थात उल्का वर्षा देखने का आवाहन किया है.