विवाह अवैध ठहराने वाला ‘वह’ निर्णय रद्द

मामला पुनर्विचार के लिए फैमिली कोर्ट में भेजा

अमरावती/दि.10-पति, पत्नी और वो मामले में विवाह को अवैध ठहराने वाले भंडारा फैमिली कोर्ट के फैसले को मुंबई उच्च न्यायालय के नागपुर खंडपीठ ने रद्द कर दिया. तथा यह मामला पुनर्विचार के लिए फैमिली कोर्ट में भेजा गया. फैमिली कोर्ट ने विवादग्रस्त निर्णय देते समय पत्नी के मुद्दे और सबूतों को योग्य पद्धति से ध्यान में नहीं लिया, ऐसा उच्च न्यायालय के निदर्शन में आया.
इस मामले में पत्नी जया और पति जयंत काल्पनिक नाम इनका 20 जनवरी 2020 में विवाह हुआ. इसके बाद एक अज्ञात व्यक्ति ने जयंत को पत्र भेजकर जया ने पहले ही मानव नामक युवक से प्रेम विवाह किया है, ऐसी जानकारी दी. जिसके बाद जयंत ने जया ने इसके पहले किए विवाह प्रमाणपत्र प्राप्त किया गया था और फैमिली कोर्ट में तलाक की याचिका दायर की गई थी. फैमिली कोर्ट ने 18 जनवरी, 2023 को वह याचिका मंजूर कर ली. जयंत से विवाह के समय जया और मानव का विवाह स्थायी था. इसलिए इस फैसले में साफ कर दिया गया कि जयंत और जया की शादी अमान्य हो जाती है. उस फैसले के खिलाफ जया ने हाई कोर्ट में अपील दायर की. इसकी सुनवाई न्यायमूर्ति अनिल किलोर और प्रवीण पाटिल के समक्ष हुई.
इस बीच, जया की वकील एड. शिल्पा गिरटकर ने विभिन्न महत्वपूर्ण बिंदुओं पर ध्यान आकर्षित किया. जया और मानव की कानूनी तौर पर शादी नहीं हुई थी. इसलिए सिर्फ धार्मिक ट्रस्ट के सर्टिफिकेट के आधार पर यह शादी वैध नहीं हो सकती. नतीजतन, यह नहीं कहा जा सकता कि जया ने जब जयंत से शादी की तो वह पहले से ही शादीशुदा थीं. इसके अलावा, जयंत की याचिका में मानव को प्रतिवादी नहीं बनाया गया था, ऐसा एड. गिरटकर ने कहा. हाईकोर्ट ने इन बिंदुओं पर तथ्य पाए.

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