खंडित बिजली आपूर्ति से धामणगांववासी संतप्त
कांगे्रस का महावितरण कार्यालय में ठिया आंदोलन

* अधिकारी को दिया बेशरम का पौधा
* लिखित आश्वासन के बाद आंदोलन स्थगित
धामणगांव रेल्वे/दि.24 – मामूली हवा के कारण ही शहर सहित संपूर्ण तहसील में बिजली आपूर्ति खंडित हो जाती है. इस कारण नागरिक परेशान हो गये है. इस मुद्दे पर तहसील कांग्रेस कमिटी की तरफ से गुरुवार 22 मई को महावितरण कार्यालय पर हल्लाबोल किया गया. बेशरम का पौधा देकर महावितरण की कार्यप्रणाली का निषेध करते हुए ठिया आंदोलन किया गया. उपकार्यकारी अभियंता के लिखित आश्वासन के बाद आंदोलन स्थगित किया गया.
तहसील में पिछले दो माह से बिजली की आंखमिचोली शुरु है. इस पर अब तक कोई उपाय योजना नहीं की गई है. तेज हवाओं के कारण पेडों की टहनियां विद्युत तार पर गिरने से तार टूट रहे है. महावितरण द्वारा इस ओर ध्यान देकर उपाय योजना करना आवश्यक है. बारिश हुई कि, बिजली आपूर्ति खंडित होने से अनेक प्रश्न उपस्थित होते है. शहर सहित संपूर्ण तहसील के ग्रामवासी बिजली की इस आंख मिचौली से त्रस्त हो गये है. बार-बार शिकायत करने के बावजूद महावितरण गंभीर न होते देख कांग्रेस की तरफ से पूर्व विधायक प्रा. वीरेंद्र जगताप के मार्गदर्शन में गुरुवार 22 मई को महावितरण कार्यालय पर हल्लाबोल किया गया. बेशरम का पौधा देकर कार्यप्रणाली का निषेध किया गया. उपकार्यकारी अभियंता के लिखित आश्वासन के बाद आंदोलन स्थगित किया गया. इस अवसर पर आंदोलन में परीक्षित जगताप, प्रदीप मुंदडा, चंदू डहाणे, श्रीकांत गावंडे, पंकज वानखडे, नितीन कनोजिया, सुनील भोंगे, नंदकिशोर राठी, आशिष जयस्वाल, राजेश पुरोहित, गणेश धवणे, आशिष कालपांडे, अविनाश मांडवणे, मंगेश बोबडे, आशिष भोंगे, जावेद खान, अजय तुपसुंदरे, मुकुंद माहोरे, आशिष मुंदडा, ओमप्रकाश बुधलानी, संजय शेंडे, नंदकुमार मानकर, प्रशांत भेंडे, प्रशांत हुडे, कविष गावंडे, दिनेश वैरागडे, मगन नगराची, माणिक मडावी, संदीप जाधव, प्रशांत वाघमारे, रवींद्र कडू, रमेश शर्मा, नितीन शेलके, अशोकराव गोफणे, नीलेश वानखडे, स्वप्निल मालखेडे, हरीश सावरकर, गोपाल लोंदे, विजय पिल्लारे, अनिस खा पठाण, रवींद्र डबले, शुभम तरोणे, चंद्रकांत तुपट, जयंत भालेकर, आशिष डुंमरे आदि उपस्थित थे.
* समस्या की तरफ महावितरण की अनदेखी
तार बिजली के खंबों पर लटक रहे है. इस कारण तेज हवा चलने पर एक-दूसरे से स्पर्श होते ही बिजली आपूर्ति खंडित हो जाती है. खंबों पर लगाई गई डीपी भी खुली रहती है. इस कारण मानसून में आवारा मवेशी सहित नागरिकों की जान को खतरा बना रहता है. इस समस्या की तरफ महावितरण की अनदेखी है.
– पंकज वानखडे,
तहसील अध्यक्ष, कांग्रेस.