टारगेट पूरा करनेवाले शिक्षकों का होगा सत्कार

अमरावती /दि.7– जिला परिषद, नगर पालिका व महानगर पालिका की शालाओं सहित निजी अनुदानित शालाएं आगामी 23 जून से शुरु होनेवाली है. जिसे ध्यान में रखते हुए कम पटसंख्या वाली शालाओं के शिक्षकों ने गर्मियों की छुट्टीयों के दौरान गांव-गांव घूमकर विद्यार्थियों की खोजबीन की. वहीं अब सरकार ने जिला परिषद की शालाओं में पट संख्या को बढाने का निर्देश दिया है. साथ ही 25 फीसद पट संख्या बढाने का टारगेट पूरा करनेवाले शिक्षकों का सत्कार प्रशासन एवं सरकार द्वारा किया जाएगा.
उल्लेखनीय है कि, इन दिनों अधिकांश अभिभावकों का रुझान अंग्रेजी माध्यम वाली निजी शालाओं की ओर अधिक है और वे अपने पाल्यों को जिप शालाओं से निकालकर अंग्रेजी माध्यम वाली निजी शालाओं में प्रवेशित करवा रहे है. जिसके चलते जिला परिषद की शालाओं में पटसंख्या अच्छी-खासी घट रही है. जिसके परिणामस्वरुप कई शिक्षकों पर अतिरिक्त ठहराए जाने की नौबत आन पडी है. ऐसे में अब जिप शालाओं में पट संख्या को बढाने का जिम्मा शालाओं के ही शिक्षकों को सौंपा गया है. जिसके चलते जिप शालाओं के शिक्षकों द्वारा गांव-गांव घूमकर प्रत्येक घर को भेंट देते हुए सर्वेक्षण किया जा रहा है. साथ ही अभिभावकों का मत परिवर्तन करते हुए जिप शालाओं में बच्चों के लिए उपलब्ध योजनाओं, उपक्रमों, पढाई-लिखाई की गुणवत्ता एवं नई शैक्षणिक नीती को लेकर जानकारी दी जा रही है. जिसके बाद अभिभावकों द्वारा अपने पाल्यों की टीसी दिए जाने पर सर्वेक्षण का काम कर रहे शिक्षकों के चेहरे पर अच्छा-खासा समाधान भी दिखाई देता है.
* निजी शालाओं को टक्कर देकर पट संख्या बढाने का प्रयास
जिप शालाओं की पट संख्या को बढाने हेतु शिक्षकों द्वारा प्रयास किए जाते है. परंतु इन दिनों शहरी क्षेत्र से लेकर ग्रामीण क्षेत्र तक अंग्रेजी माध्यम वाली शालाओं का प्रमाण काफी अधिक बढ गया है. जिसके चलते जिप शालाओं के शिक्षकों की परेशानी बढ रही है. ऐसे में अब कक्षा पहली से ही सीबीएसई के अनुसार पढाई की सुविधा जिप शालाओं में उपलब्ध रहने के चलते जिप शालाओं द्वारा निजी शालाओं को टक्कर दी जाएगी.
* जिप शालाओं का हो रहा कायाकल्प
राज्य सरकार द्वारा जिला परिषद की शालाओं में पढाई-लिखाई करनेवाले विद्यार्थियों को कई तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती है. जिसके तहत निशुल्क पाठ्यपुस्तक, शालेय गणवेश, जूते-मोजे, पोषाहार व छात्रवृत्ति जैसे अनेकों उपक्रमों का समावेश रहता है. साथ ही साथ इन दिनों जिप शालाओं में डिजिटल कक्षाओं व कम्प्युटर लैब की सुविधा भी उपलब्ध करा दी गई है.