कहीं नहीं जा रहे शेखावत व इंगोले
जमकर लगे है मनपा चुनाव की तैयारियों में

* मनपा चुनाव में कांग्रेस का करेंगे नेतृत्व
अमरावती /दि.13– विगत कुछ दिनों से यह चर्चा काफी जोर पकड रही है कि, शहर कांग्रेस का नेतृत्व करनेवाले कांग्रेस के शहराध्यक्ष बबलू शेखावत तथा पूर्व महापौर विलास इंगोले द्वारा कांग्रेस छोडकर किसी अन्य दल में प्रवेश किया जा सकता है. खासकर महायुति में शामिल किसी घटक दल का दामन थामा जा सकता है. लेकिन इस समय शहर में जिस तरह का राजनीतिक दृश्य दिखाई दे रहा है और जिस तरह से बबलू शेखावत व विलास इंगोले की कांग्रेस में सक्रियता है, उसे देखते हुए कहा जा सकता है कि, इंगोले और शेखावत फिलहाल कांग्रेस छोडकर कहीं नहीं जा रहे, बल्कि वे जमकर मनपा चुनाव की तैयारी में लगे हुए है और मनपा चुनाव के लिए अमरावती शहर में कांग्रेस का नेतृत्व करते रहेंगे.
बता दें कि, लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी बलवंत वानखडे की जीत के बाद कांग्रेस सहित महाविकास आघाडी में शामिल सभी घटक दलों के पदाधिकारियों में जबरदस्त उत्साह का माहौल दिखाई दे रहा था तथा शहर सहित जिले में महाविकास आघाडी अच्छी-खासी मजबूत भी दिखाई दे रही थी. लेकिन विधानसभा चुनाव में महाविकास आघाडी को अमरावती जिले में करारी शिकस्त का सामना करना पडा और 8 में से केवल दर्यापुर निर्वाचन क्षेत्र से मविआ प्रत्याशी के तौर पर शिवसेना उबाठा के गजानन लवटे चुनाव जीत पाए थे. वहीं मविआ प्रत्याशी डॉ. सुनील देशमुख व यशोमति ठाकुर के साथ ही बच्चू कडू व राजकुमार पटेल जैसे दमदार प्रत्याशियों को महायुति के हाथों हार का सामना करना पडा था. जिसकी वजह से कांग्रेस सहित मविआ के सभी घटक दलों का मनोबल काफी हद तक टूट गया था. इस समय यद्यपि विधानसभा का चुनाव हुए 8 माह का समय बीत चुका है. लेकिन इसके बावजूद अब तक मविआ में शामिल नेताओं द्वारा मविआ को छोडने की चर्चाएं और घटनाएं लगातार घटित हो रही है. यद्यपि अब तक किसी बडे नेता ने मविआ छोडकर महायुति में प्रवेश नहीं किया है, लेकिन दूसरी पंक्ति के नेताओं में शामिल रहनेवाले पूर्व विधायक ज्ञानेश्वर धाने पाटिल, प्रीति बंड एवं शिवसेना उबाठा के जिला प्रमुख सुनील खराटे जैसे नेता पाला बदल चुके है. जिसके तहत प्रीति बंड और धाने पाटिल ने शिंदे गुट वाली शिवसेना में प्रवेश किया है. वहीं सुनील खराटे भाजपा की राह पर चले गए है. इन्हीं तमाम राजनीतिक घटनाक्रमों के बीच पूर्व महापौर विलास इंगोले व कांग्रेस शहराध्यक्ष बबलू शेखावत के भी कांग्रेस छोडकर किसी अन्य दल में प्रवेश करने की चर्चाओं ने जोर पकडा था. परंतु दैनिक अमरावती मंडल के राजनीतिक आकलन के अनुसार यह दोनों नेता कांग्रेस छोडकर कहीं नहीं जा रहे.
हालांकि जानकारी यह भी है कि, इन दोनों कांग्रेस पदाधिकारियों से भाजपा का राणा एवं पोटे खेमा विगत करीब 6 माह से संपर्क में रहा. साथ ही प्रदेश एवं जिले के नेता इन दोनों को पाला बदलने हेतु मनाने में लगे हुए है. लेकिन कांग्रेस के प्रति पूरी तरह से समर्पित एवं एकनिष्ठ रहनेवाले यह दोनों नेता अपनी भूमिका को लेकर टस से मस भी नहीं हुए. दैनिक अमरावती मंडल को यह भी पता चला है कि, इन दोनों कांग्रेस पदाधिकारियों को शिंदे गुट वाली शिवसेना में लाने हेतु शिंदे सेना के प्रदेश स्तर के नेताओं सहित पूर्व मंत्री जगदीश गुप्ता ने भी अच्छे-खासे प्रयास किए थे. परंतु ऐसे तमाम प्रयास पूरी तरह से नाकाम साबित हुए. क्योंकि, विलास इंगोले व बबलू शेखावत ने यह लगभग तय कर रखा है कि, वे दोनों कांग्रेस छोडकर कहीं नहीं जा रहे.
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, मनपा के आगामी चुनाव को देखते हुए पूर्व महापौर विलास इंगोले तथा कांग्रेस शहराध्यक्ष बबलू शेखावत ने जिले के कांग्रेसी सांसद बलवंत वानखडे को मनाकर मनपा व मजीप्रा सहित शहर के अलग-अलग महकमों में शहरवासियों की विभिन्न समस्याओं एवं मूलभूत सुविधाओं के लिए लगातार बैठकों का दौर शुरु किया है तथा इंगोले व शेखावत पूरी तरह से एक्शन मोड में नजर आ रहे है. जिसे देखकर यह स्पष्ट हो जाता है कि, इंगोले व शेखावत ने अपने-आप को मनपा के चुनाव में कांग्रेस का नेतृत्व करने और कांग्रेस झंडे तले पूरी ताकत के साथ मनपा का चुनाव लडने की तैयारी कर ली है. जिससे यह स्पष्ट है कि, विलास इंगोले व बबलू शेखावत फिलहाल कांग्रेस छोडकर कहीं नहीं जा रहे.