सर सी. शंकरन नायर एक बार आए थे अमरावती
दिसंबर 1897 में कांग्रेस अधिवेशन की अध्यक्षता की थी

* सर नायर के जीवन पर प्रदर्शित हुई है ‘केसरी-2’
अमरावती/दि.1 – फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार द्वारा अभिनित ‘केसरी-2’ नामक फिल्म इस समय ‘ओटीटी’ पर अच्छी-खासी धूम मचा रही है. जिसमें अक्षयकुमार ने ब्रिटीशकाल के समय बेहद प्रख्यात रहनेवाले वकील सर चेत्तूर शंकरन नायर की भूमिका निभाई है. जिन्होंने जालियांवाला बाग सामूहिक नरसंहार के बाद अपने सभी महत्वपूर्ण पदों से इस्तीफा देते हुए ब्रिटीश सरकार के खिलाफ अदालत में पैरवी की थी. खास बात यह भी है कि, सर सी. शंकरन नायर का अमरावती से भी विशेष नाता रहा और उन्होंने दिसंबर 1897 में अमरावती में आयोजित भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन की अध्यक्षता की थी. उस अधिवेशन के स्वागताध्यक्ष दादासाहेब खापर्डे थे.
बता दें कि, सर सी. शंकरन नायर का जन्म मलबार के पल्लकड जिला निवासी एक अमीर परिवार में हुआ था और वे ख्यातनाम भारतीय वकील एवं राष्ट्रवादी राजनीतिज्ञ थे. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रारंभिक दौर में वे सबसे युवा अध्यक्ष बने थे, तथा सन 1912 में उन्हें ब्रिटीश राजघराणे ने ‘नाईटहुड’ की उपाधि दी थी तथा जालियांवाला बाग हत्याकांड के समय शिक्षामंत्री रहने के साथ सी. एस. नायर एकमात्र भारतीय प्रतिनिधि के तौर पर वॉयसरॉय की कार्यकारी परिषद में शामिल थे और उन्होंने जालियांवाला बाग हत्याकांड के बाद रविंद्रनाथ टैगोर की तरह ही अपनी नाईटहुड की पदवी का त्याग करते हुए निषेध के तौर पर अपने सभी पदों को भी त्याग दिया था.
इससे पहले वर्ष 1897 के दिसंबर माह दौरान अमरावती में आयोजित भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्षता सी. एस. नायर ने की थी और उन्होंने अकालसदृष्य हालात के बीच आयोजित इस अधिवेशन में बेहद प्रभावी भाषण दिया था. साथ ही साफ तौर पर कहा था कि, यदि तिलक पर चले मुकदमे के समय ज्युरी में आधे सदस्य भारतीय रहे होते, तो तिलक निर्दोष छूट गए होते. खास बात यह भी रही कि, अमरावती में हुए कांग्रेस के अधिवेशन से ही अमरावती की महिलाओं ने राजनीतिक आंदोलनों में शामिल होना शुरु किया. उस समय पुरुषों के विरोध की फिक्र न करते हुए वनिता समाज द्वारा महिलाओं की कलाकृतियों एवं स्वदेशी वस्तुओं की एक प्रदर्शनी अधिवेशन मंडप के पास ही लगाई गई थी.





