श्री राजीबाई जैन मंदिर में भव्यातिभव्य चातुर्मास प्रवेश
कल दादावाडी से सुबह 8 बजे निकलेगी भव्य शोभायात्रा

* पूज्य साध्वी जी म.सा. के आगमन के साथ धर्म आराधना
अमरावती/दि.3-चातुर्मास काल विशेष रूप से धर्म आराधना में प्रवृत्त होने के लिए माना जाता है और दान, शील, तप और भाव धर्म के चार प्रकारों में संलग्न होने का संदेश लेकर आता है. चातुर्मास काल में प्रत्येक प्राणी धर्म आराधना में जुड़कर स्वयं की आत्मा का उद्धार कर सकता है. यह समय एक ऐसा समय होता है जब बाहरी प्रवृत्तियों को आराम दिया जाता है और आत्म विकास का लक्ष्य निर्धारित किया जाता है. जब संघ के प्रबल पुण्य का उदय हो रहा हो तब ही पंच महाव्रतधारी गुरु भगवतों का सानिध्य प्राप्त होता है. श्री राजीबाई जैन मंदिर के सौभाग्य पल उदित हुए है और युगदिवाकर प.पू. आ. श्री. विजय धर्मसुरीश्वरजी म.सा, के समुदाय के प.पू. आ. श्री महापद्मसुरीश्वरजी म.सा. के सा. प.पू. नयप्रज्ञा श्रीजी म.सा के शिष्या प.पू. विरतियशाश्रीजी म.साप . पू. हेमज्योतिश्रीजी म.साप.पू. रम्यज्योतिश्रीजी म.सा आदि ठाणा 3 का इंदपुरी नगरी अमरावती की पावन धरा पर प्रथम मंगल आगमन 4 जुलाई को प्रात: हो रहा है.
पूज्य साध्वी जी म.सा. के आगमन के साथ धर्म आराधना के नए आयाम स्थापित होंगे. उनकी सरल वाणी से धर्म के गूढ़ रहस्यों को सरलता से आत्मसात करने का अवसर प्राप्त हो रहा हैं. उनकी निश्रा में धार्मिक क्रियाएं भी मन को आनंदित करने वाली बनेगी. क्योंकि गुरु भगवंतों के सानिध्य में की गई साधना हमें उत्थान के मार्ग पर ले जाएगी. अत:उनकी सन्निधि से जैन श्वेतांबर समाज में हर्ष और उत्सव है. पूज्य साध्वी महाराज साहेब का प्रवेश श्रीसंघ के भावोल्लास की अभिवृद्धि कर रहा है. पूज्य श्री जी की प्रवेश शोभायात्रा शुक्रवार 4 जुलाई सुबह 8 बजे श्री दादावाड़ी से प्रारंभ होकर शारदा नगर, रविनगर, शिलांगण रोड, एचवीपीएम रोड, गांधी चौक, जवाहर गेट, सराफा बजार होते हुई हुए श्री जैन श्वेतांबर पार्श्वनाथ मंदिर, राजीबाई धर्मशाला भाजी बाजार रोड में पहुंचेगी. वहाँ प्रवेश पश्चात साध्वी जी महाराज साहेब का मांगलिक प्रवचन एवं गुरु पूजन होगा. मंदिर में प्रतिदिन प्रवचन 9 से 10 तक होगा.
श्री जैन श्वेतांबर पार्श्वनाथ मंदिर एवं श्री जैन श्वेतांबर मित्र मंडल ने सभी समाजबंधुओं से निवेदन किया है कि पूज्य गुरु भगवंतों की धर्मयात्रा में पधारकर जैन समाज का गौरव बढ़ाए और गुरु दर्शन वंदन कर पुण्योपार्जन की घड़ियों को सार्थक करें. चातुर्मास काल में होने वाली धार्मिक गतिविधियों में भी सभी को शामिल होने का अनुरोध श्री संघ द्वारा किया गया है और अनेकविध तपस्याओं में भी सभी को जुड़ने का आह्वान किया गया है.





