सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए उपाय किए जाएं
जिले में सौ दुर्घटना संभावित स्थान किए गए निश्चित

*जिलाधिकारी के निर्देश
* दुर्घटना ग्रस्तो पर डेढ लाख रुपए का वैद्यकिय उपचार
अमरावती /दि.10- नए सरकारी निर्देश के अनुसार, दुर्घटना पीड़ितों को डेढ़ लाख रुपये तक का निःशुल्क उपचार मिलेगा. ताकि उन्हें गोल्डन ऑवर में तुरंत चिकित्सा सहायता मिल सके. इसके लिए सात दिनों के भीतर दावा करना होगा. जिला शल्य चिकित्सक की स्वीकृति के बाद संबंधित अस्पतालों को यह खर्च दिया जाएगा.
पुलिस ने ज़िले में 100 दुर्घटना स्थलों की पहचान की है. इन स्थलों का एजेंसियों द्वारा संयुक्त रूप से निरीक्षण किया जाना चाहिए. साथ ही, यहाँ दुर्घटनाओं को रोकने के लिए स्थायी उपाय किए जाने चाहिए और इसके लिए आवश्यक धनराशि उपलब्ध कराई जाएगी, ऐसा जिलाधिकारी आशीष येरेकर ने बताया.
जिलाधिकारी कार्यालय में जिला सड़क सुरक्षा बैठक ली गई. इस अवसर पर अधीक्षण अभियंता रूपा गिरासे, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी उर्मिला पवार, जिला शल्य चिकित्सक डॉ. दिलीप सौंडले, कार्यकारी अभियंता गिरी आदि उपस्थित थे.जिलाधिकारी येरेकर ने कहा, जिले में चुनौती राष्ट्रीय राजमार्ग और समृद्धि राजमार्ग के सुदूर मेलघाट क्षेत्र में संकरी सड़कों पर दुर्घटनाओं को रोकना है. साथ ही, जिला और तहसील मुख्यालयों में दुर्घटनाओं की संख्या को कम करना भी आवश्यक है. इसके लिए क्षेत्रीय परिवहन, पुलिस और निर्माण विभाग मिलकर काम करेंगे. समाधान सुझाना और उन पर काम करना जरूरी है. राष्ट्रीय राजमार्ग पर बढ़ती गति के कारण होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के उपाय ज़रूरी हैं. इसके लिए स्पीड गन का प्रभावी ढंग से इस्तेमाल किया जाना चाहिए. मानसून के दौरान, सड़कों पर दृश्यता बढ़ाने के लिए सड़कों के दोनों ओर आने वाले पेड़ों की शाखाओं को काटा जाना चाहिए. चूँकि यह समस्या वन क्षेत्रों से गुज़रने वाली सड़कों पर होती है, इसलिए निर्माण विभाग को कार्रवाई करनी चाहिए. इससे सामने से आने वाले वाहनों को देखने में मदद मिलेगी.मेलघाट में दुर्घटना होने की स्थिति में, यहां क्रेन और टोइंग वाहन तैनात किए जाने चाहिए. यदि इन वाहनों को वहां आने में देरी लगती होगी तो परतवाडा में क्रेन , टोइंग वाहन की व्यवस्था की जाए. तत्काल संपर्क और सहायता पहुंचने के लिए यह सेवा देनेवाली एजेंसी को पैनल पर लिया जाए. उनकी सेवा ऑनकॉल लेने में सहायता होगी. दुर्घटना होने के बाद इसकी जानकारी आयआरडीए यंत्रणा पर अपलोड की जाए. इससे जिले में होेनेवाली दुर्घटना का विश्लेषण करने में सहायता होगी ऐसा भी उन्होने इस अवसर पर कहा.





