मुंबई बम विस्फोट प्रकरण में अमरावती कारागृह में कैद चार आरोपी हुए रिहा
वर्ष 2006 में लोकल ट्रेन में हुए थे धमाके

* 19 साल बाद कारागृह से रिहा हुए सभी आरोपी
* आरोपी सोहेल शेख ने बाहर आते ही माना भारतीय न्याय व्यवस्था का आभार
अमरावती /दि.22 – समूचे देश को हिलाकर रख देनेवाले वर्ष 2006 के मुंबई लोकल ट्रेन में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों केे प्रकरण में सोमवार को मुंबई हाईकोर्ट विशेष टाडा न्यायालय ने दोषी ठहराए गए सभी 12 आरोपियों को बाईज्जत बरी कर दिया. इनमें से 5 आरोपियों को पहले ही मौत की सजा सुनाई गई थी. जबकि 7 आरोपियों को उम्र कैद की सजा मिली थी. हाईकोर्ट ने सभी को बरी करते हुए तत्काल जेल से रिहा करने के आदेश दिए. इन आरोपियों में से 4 आरोपी अमरावती जिला मध्यवर्ती कारागृह में सजा काट रहे थे. मुंबई हाईकोर्ट के आदेश के बाद सोमवार की रात अमरावती कारागृह में कैद चारों आरोपियों को रिहा कर दिया गया. बाहर आने के बाद आरोपी सोहेल महमूद शेख ने इस फैसले का स्वागत करते हुए भारतीय न्याय व्यवस्था का आभार माना.
सोमवार 21 जुलाई को सभी आरोपियों को वीडियो कॉन्फ्रेन्स के जरिए मुंबई हाईकोर्ट के सामने पेश किया गया. राज्य सरकार द्बारा मृत्यु दंड के लिए दायर की गई याचिका खारिज कर दी गई. अमरावती मध्यवर्ती कारागृह में कैद चारों आरोपियों सहित सभी को बाईज्जत बरी कर दिया गया. अमरावती करागृह में कैद चारों आरोपियों के नाम सुहेल महमूद शेख, तनवीर अहमद मो. इब्राहिम अंसारी, जमीर अहमद लतीफुर रहमान शेख और मो. माजीद मो. शफी हैं. इन चारों आरोपियों को हाईकोर्ट के फैसले के बाद शाम को रिहा कर दिया गया.
बता दें कि 11 जुलाई 2006 को शाम के समय मुंबई लोकल ट्रेन में 11 मिनटों में सिलसिलेवार अलग-अलग स्थानों पर बम धमाके किए गए थे. इन धमाकों में 189 लोगों की मौत हो गई थी. जबकि 827 से अधिक यात्री घायल हो गए थे. मुंबई हाईकोट द्बारा सभी आरोपियों को रिहा करने के आदेश जारी करते हुए सोमवार की शाम अमरावती मध्यवर्ती कारागृह में कैद चारों आरोपियों को भी रिहा किया गया. कारागृह के बाहर आरोपियों की प्रतिक्रिया जानने के लिए मीडिया कर्मियों का जमावडा पहले से ही जेल के बार लगा हुआ था. शाम 8 बजे कारागृह से चारों आरोपी रिहा किए गए. इनमें से सोहेल महमूद शेख ने पत्रकारों से बातचित करते हुए कहा कि, हमारा इस घटना से कोई लेन देन नहीं था. 19 साल बाद बाहर आने पर सभी आरोपियों ने खुशी जाहीर की और कहा की उन्हें पहले से ही देश की न्याय प्रणाली पर पूरा भरोसा था. उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें जिला सत्र न्यायालय से ही बरी करना चाहिए था. लेकिन हाईकोर्ट से बरी हुए है इसके लिए उन्होंने सभी जज व वकिलों का आभार माना. सोहेल शेख ने आगे बताया कि, उस पर वर्ष 2006 में मुंबई में हुए बम धमाकों के समय सीमी संगठन से जुडे रहने का आरोप लगाया गया था. इसी के कारण उसकी गिरफ्तारी हुई थी. लेकिन उसका बम धमाकों की घटना से कोई संबंध नहीं था. सोहेल ने यह भी बताया कि, वह पुणे का रहनेवाला है और अमरावती मध्यवर्ती कारागृह में उसके साथ रहनेवाले आरोपी मुंबई के है. सोहेल शेख को मुंबई हाईकोर्ट से बरी करने के बाद उसे जेल से रिहा होने के बाद परिवार वाले लेने जेल पहुंच गए थे.
* वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के जरिए कोर्ट के सामने पेश हुए आरोपी
सोमवार 21 जुलाई को मुंबई विशेष टाडा न्यायालय के न्यायमूर्ति अनिल किलोर और न्यायमूर्ति श्याम चांडक की विशेष पिठ ने अभियोजन पक्ष की ओर से पेश किए सबूतों को दोषी ठहराने के लिए काफी नहीं बताया. अभियोजन पक्ष आरोपियों के खिलाफ मामला साबित करने में पूरी तरह विफल रहा. न्यायालय के समक्ष सभी आरोपियों को वीडियो कॉन्फ्रेन्स के माध्यम से पेश किया गया था. फैसला सुनाने के बाद आरोपियों को बरी कर तत्काल जेल से रिहा करने की आदेश मिलते ही सभी आरोपियों के चेहरे खिल उठे थे. 19 साल बाद जेल से बाहर निकलने पर अमरावती मध्यवर्ती कारागृह के चारों आरोपी पत्रकारों से बातचीत करने के बाद एक ही ऑटो रिक्शा में बैठकर रवाना हो गए.





