सस्ते सोने के नाम पर साढे 9 लाख की जालसाजी

नागपुर निवासी अशोक अग्रवाल को 3 लोगों ने लगाया चूना

* खुदाई में चांदी के सिक्के व सोना मिलने की बात कही थी
* खुदाई का माल सस्ते में बेचने का दिया था झांसा
* झांसे में आकर अशोक अग्रवाल नागपुर से पहुंचे अमरावती
* राजापेठ बस डिपो के पास हुआ पैसों का लेन-देन
* बाद में चेक करने पर सोना निकला नकली
* राजापेठ पुलिस थाने में मामला दर्ज, जांच जारी
अमरावती/दि.6 – खुद को खुदाई के दौरान एक जगह से चांदी के सिक्के और सोने जैसी चमकिली धातू मिलने का दावा करते हुए अमरावती निवासी मोहन प्रजापति ने नागपुर के सोनार टोली में रहनेवाले अशोक रामपाल अग्रवाल को उक्त सोना सस्ते में बेचने का झांसा दिया और इस झांसे में फंसकर अशोक अग्रवाल भी लगभग 10 लाख रुपए की भारी-भरकम रकम लेकर अमरावती आ गए. जिनसे उक्त रकम को अपने कब्जे में लेकर मोहन प्रजापति ने उन्हें नकली सोने से भरी थैली थमा दी. इसका खुलासा तब हुआ जब अशोक अग्रवाल ने नागपुर पहुंचकर उक्त सोने व चांदी की एक सोनार से जांच-पडताल करवाई तो पता चला कि, वह सोना या चांदी नहीं है. ऐसे में अपने साथ हुई धोखाधडी व जालसाजी को लेकर अशोक अग्रवाल ने दुबारा अमरावती पहुंचकर राजापेठ पुलिस थाने में मोहन प्रजापति सहित उसके तीन साथिदारों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई.
इस संदर्भ में अशोक अग्रवाल द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के मुताबिक वे विगत 29 जुलाई को सुबह 11.30 बजे नागपुर के बिनाकी परिसर में सोनार टोली स्थित अपने फर्निचर की दुकान में थे, तभी 26 से 27 वर्ष की आयु वाला एक युवक दुकान में लकडी से बना मंदिर खरीदने के लिए आया. जिसे उन्होंने सागौन की लकडी से बना मंदिर दिखाया, तो उस युवक ने मंदिर के ड्रॉवर को खोलकर उसमें चांदी के दो सिक्के डाले व निकाल लिए. साथ ही कहा कि, वह एक ठेकेदार के पास काम करता है और उसे एक जगह पर खुदाई के समय चांदी के सिक्के व सोने जैसी चमकिली चीज मिली है. जिसे वह बेचना चाहता है. इस समय उस युवक ने अपना नाम मोहन प्रजापति बताते हुए अशोक अग्रवाल को अपना मोबाइल नंबर भी दिया. पश्चात 31 जुलाई को मोहन प्रजापति अपने साथ दो महिलाओं को साथ लेकर एक बार फिर उसकी दुकान पर आया और थैली में से सोने जैसी पीली धातू की माला दिखाते हुए उसमें से तीन मणी निकालकर उसे चेक करने हेतु कहा. जिसके चलते अशोक अग्रवाल ने अपने परिचय में रहनेवाले एक सोनार से उन तीनों मणी की जांच करवाई, तो वे असली सोने के मणी निकले. जिसके बाद अशोक अग्रवाल ने मोहन प्रजापति के मोबाइल पर संपर्क किया, तो मोहन प्रजापति ने उन्हें बताया कि, उसके पास करीब एक किलो सोना है और वह उस सोने को 30 लाख रुपए में बेचना चाहता है. तो अशोक अग्रवाल ने कहा कि, उनके पास फिलहाल 10 लाख रुपए है और बची हुई रकम वे सोना बेचने के बाद दे सकेंगे. इस बात पर मोहन प्रजापति तैयार हो गया और उसने अशोक अग्रवाल को पैसा लेकर अमरावती आने के लिए कहा. जिसके चलते अशोक अग्रवाल 3 अगस्त को शाम 5 बजे अपने साथ 9 लाख 40 हजार रुपए लेकर अमरावती के राजापेठ बसस्थानक के पास पहुंचे. जहां पर मोहन प्रजापति भी अपने दो दोस्तों के साथ आया था. इस समय मोहन प्रजापति ने अशोक अग्रवाल को नीले रंग की कपडे से बनी एक थैली दी, जिसमें सोने के मणी की माला थी. यह देखने के बाद अशोक अग्रवाल ने मोहन प्रजापति को 9 लाख 40 हजार रुपए दे दिए और वह थैली लेकर अशोक अग्रवाल नागपुर वापिस चले गए. लेकिन जब उन्होंने नागपुर जाने के बाद वहां पर सोनार के पास उस माला के मणियों की चेकिंग करवाई तो पता चला कि, वह सोने या चांदी के मणी नहीं है, बल्कि वह कोई अन्य धातू है. जिसके चलते अशोक अग्रवाल को समझ में आ गया कि, उन्हें सुनियोजित तरीके से विश्वास में लेकर उनके साथ विश्वासघात किया गया है. ऐसे में उन्होंने वापिस अमरावती आकर राजापेठ पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई. इस शिकायत के आधार पर राजापेठ पुलिस ने बीएनएस की धारा 316 (2), 318 (4) तथा 3 (5) के तहत मामला दर्ज करते हुए जांच करनी शुरु कर दी है.

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