शंकर बाबा की मानसकन्या माला होगी जिलाधिकारी कार्यालय में कार्यरत

माला को मुख्यमंत्री के हाथों दिया जाएगा नियुक्ति पत्र

अमरावती /दि. 14 – जिले के वझ्झर के पद्मश्री शंकरबाबा पापलकर के सानिध्य में पलीबढी माला को जिलाधिकारी कार्यालय में राजस्व सहायक के रूप में नियुक्ति दी गई है. यह एक गौरव का क्षण है. इस निमित्त पालकमंत्री चंद्रशेख बावनकुले ने माला व शंकर बाबा का अभिनंदन किया है.
जलगांव रेलवे स्टेशन पर लावारिस अवस्था में यह बालिका रोती हुई बिलख रही थी. आंखो में रोशनी नहीं थी और शरीर काफी कमजोर था. लेकिन उसी समय शुरू हुई प्रकरणादायी तथा माला शंकरबाबा पापलकर की मानस कन्या है. जन्म होने के बाद माला के जीवन में अंधेरा था. उस माला को नागपुर के जिलाधिकारी कार्यालय में राजस्व सहायक पद पर नियुक्ति मिलनेवाली है. एक लावारिस नेत्रहिन युवती की यह बडी सफलता उसकी मेहनत, जिद्द के कारण पूर्ण हो सकी.
माला को अमरावती वझ्झर के दिव्यांग बालगृह लाया गया जहां उसके जीवन में प्रकाश आया और शंकरबाबा के कारण. उन्होंने उसके पुनर्वसन की जिम्मेदारी स्वीकारी. उसका नाम माला रखा और उसे केवल आश्रय ही नहीं बल्कि पहचान दी. शिक्षा व पठन में रूची, शंकरबाबा का आधार रहने के कारण माला पढती गई. ब्रेललीपी से 10वीं, 12वीं, स्नातक और स्नातकोत्तर शिक्षा पूर्ण की. जीवन की हर सिढी माला के लिए परीक्षा थी. न जन्मदाता थे और न आंखो में रोशनी. लेकिन उसमें थी इच्छा शक्ति. दिव्यांग रहते हुए भी उसने शिक्षा पूर्ण की. पश्चात 2019 से उसने स्पर्धा परीक्षा देना शुरू किया. 2023 में उसने एमपीएससी श्रेणी- 3 मुख्य परीक्षा उत्तीर्ण की. तब से वह नियुक्ति की प्रतिक्षा थी.अब नागपुर के जिलाधिकारी कार्यालय में राजस्व सहायक के रूप में उसकी नियुक्ति होनेवाली है.

* बालगृह की नेत्रहिन मानसकन्या उत्तीर्ण होने का पहला मौका
पद्मश्री शंकरबाबा पापलकर की दिव्यांग बालगृह की नेत्रहिन मानसकन्या एमपीएससी परीक्षा उत्तीर्ण होने की यह पहली घटना है. इसे ऐतिहासिक घटना कहा जा सकता है. उसे जांच के लिए बुलवाया गया. उसके मुताबिक उसने सभी कागजपत्रों की पूर्तता की. जिलाधिकारी डॉ. विपीन इटनकर ने माला से संवाद किया और उसकी प्रशंसा की. जल्द ही मुख्यमंत्री के हाथों माला को नियुक्ति पत्र दिया जाएगा.

 

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