स्वतंत्रता दिवस लोगों के सामने सवाल खडे करते- गणेश लांडगे
आधार बेघर निवारा केंद्र में हुआ शानदार कवि सम्मेलन

बडनेरा /दि. 19 – 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस लोगों के सामने यह प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है कि यह मृत्यु का दिन है या मुक्ति का दिन. दिन-प्रतिदिन लोग ही लोगों के विरुद्ध षडयंंत्र रच रहे हैं, लोग ही लोगों को गुलाम बना रहे हैं. सत्ताधारी सरकार और प्रशासन के अधिकारी सच लिखने और बोलने वाले लोगों को जेल में डाल रहे हैं. उनकी व्यक्तिगत स्वतंत्रता का गला घोंटा जा रहा है. जब प्रत्येक व्यक्ति को दी गई स्वतंत्रता, समानता, भाईचारा और न्याय के मानवीय मूल्यों को जानबूझकर कुचला जा रहा है, और उनके अधिकारों और हकों को कुचला जा रहा है, तो क्या 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस वास्तव में हमारी मुक्ति का दिन है या मृत्यु का दिन? यह प्रश्न उठता है. प्रा. गणेश लांडगे ने यह कठिन प्रश्न पूछा.
वे आधार स्थित बेघरों के आश्रय केंद्र, बडनेरा द्वारा आयोजित कवि सम्मेलन में अध्यक्ष पद से बोल रहे थे. 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के शुभ अवसर पर आयोजित इस काव्य गोष्ठी में भाग लेने वाले कवियों में साप्ताहिक वज्जि संदेश की प्रधान संपादक मायाताई वासनिक, पुष्पाताई बोरकर, रत्नाताई मनवारे, प्रो. दीपाली गवई, गजल लेखक प्रो. संजय घरडे, गजल गायक डॉ. नंदकिशोर, गजल गायक देवीलाल रौराले, आर.एस. तायडे, वासुदेव डोंगरे, बंधु डोंगरे, प्रो. बबन शामिल थे. इंगोले, राजाभाऊ हटागड़े, प्रमिलाताई शेंडे, कवि कशिश साहेब, कवि इब्राहिम फलक ने स्वतंत्रता दिवस पर सवाल उठाए. वीरतापूर्ण कविताएं, गजलें और रचनाएं प्रस्तुत कर देश की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीदों को नमन, साथ ही महान कवि वामनदा कर्दक, कवि रोहन नागदिवे ने कवि राजा गिरि की स्मृति में श्रद्धांजलि अर्पित की और सभी को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दीं.
इससे पहले, कार्यक्रम की शुरुआत में महापुरुषों के चित्रों पर श्रद्धासुमन अर्पित कर माल्यार्पण किया गया. आधार केंद्र की प्रबंधक ज्योति राठौड़ ने सभी प्रतिष्ठित कवियों का पुष्पहारों से स्वागत किया. कवि सम्मेलन का संचालन अंबेडकर नुक्कड़ नाटककार, कवि, गाथा प्रकाशन के निदेशक विलास थोरात ने किया, जबकि आभार प्रदर्शन आधार केंद्र के निदेशक राजू बसवनाथ ने किया. कार्यक्रम में साप्ताहिक वज्जि संदेश के कार्यकारी संपादक धर्मशील गेडाम, बैंक ऑफ इंडिया के सेवानिवृत्त अधिकारी भीमराव गजभिये, साहेबराव महाजन, अशोक उके सर, सहित बड़ी संख्या में बडनेरा और अमरावती के गणमान्य नागरिक उपस्थित थे. कार्यवाहक सदानंद ठाकरे, रोहित घोंगडे और निवारा वशिया ने कार्यक्रम की सफलता के लिए कड़ी मेहनत की.





