श्री’ का ऋषि पंचमी उत्सव प्रारंभ
मंदिर में विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन

शेगांव /दि. 25 – देशभर में लाखों भक्तों के आराध्य देव एवं आराध्य श्री संत गजानन महाराज का 115वां पुण्यतिथि (ऋषि पंचमी) महोत्सव रविवार 24 अगस्त से श्री गणेश योग एवं वरुण यज्ञ के साथ प्रारंभ हो गया है. महोत्सव के अवसर पर मंदिर में प्रतिदिन विविध धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं.
रविवार, 24 से 29 अगस्त तक पांच दिनों तक श्री के मंदिर में विविध धार्मिक कार्यक्रम होंगे. 28 अगस्त को श्री की पुण्यतिथि श्री संस्थान द्वारा बड़ी धूमधाम से असंख्य भक्तों की उपस्थिति में मनाई जाएगी. महोत्सव के अवसर पर प्रतिदिन सुबह 6 से 6.45 काकड़ा, सुबह 7.15 से 9.15 भजन, दोपहर 4 से 5 प्रवचन, शाम 5.30 से 6 हरिपाठ, रात 8 से 10 हरि कीर्तन श्री के मंदिर में होगा. 24 अगस्त को ह.भ.प. सुरेश बुआ वाकड़े निवासी पुसद, 25 अगस्त को ह.भ.प. भरत बुआ जोगी निवासी परली, 26 अगस्त को ह.भ.प. प्रशांत बुआ टाकोटे निवासी शिरसोली, 27 अगस्त को ह.भ.प. भरत बुआ पाटिल निवासी म्हैसवाड़ी, 28 अगस्त को ह.भ.प. बालू बुआ गिरगांवकर आर. गिरगांव. श्री के समाधि समारोह के अवसर पर कीर्तन 28 अगस्त को गुरुवार को सुबह 7 से 9 बजे तक ह.भ.प. श्री भरत बुआ पाटिल म्हैसवाडीकर उपस्थित रहेंगे. संजीवन समाधि समारोह के अवसर पर कीर्तन होगा. यह महोत्सव 24 अगस्त को श्री गणेश यज्ञ और वरुण यज्ञ के साथ प्रारंभ होगा और 28 अगस्त को प्रातः 10 बजे समाप्त होगा. यज्ञ की पूर्णाहुति और अवभृतस्नान श्री ब्रह्मवृंद के सान्निध्य में होगा, जबकि दोपहर में महोत्सव की पालकी के रजत मुखौटे का पूजन होगा और श्री की पालकी को रथ, मीना, ध्वज और घोड़ों के साथ परिक्रमा के लिए निकाला जाएगा. शाम को मंदिर में श्री और वारकरी का आकर्षक वलय समारोह और महाआरती का आयोजन होगा. तत्पश्चात 29 अगस्त को ह.भ.प. प्रमोद बुवा रहाणे रा. पलशी द्वारा प्रातः 6 से 7 बजे तक कीर्तन किया जाएगा और तत्पश्चात गोपालका में दहीहांडी का आयोजन किया जाएगा. श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए श्री के दर्शन हेतु एक तरफ़ा मार्ग बनाया गया है. इसमें दर्शनबा़री और श्रीमुख दर्शनबा़री, महाप्रसाद, पारायण मंडप और श्री के दर्शन की व्यवस्था शामिल है. साथ ही, श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए संस्थान के भक्त निवास में आवास व्यवस्था सामान्य रूप से जारी है. संपूर्ण मंदिर परिसर में साफ़-सफ़ाई ही भक्तों को प्रसन्नता और श्री के प्रति उनकी भक्ति में एकजुटता का एहसास दिलाती है. भक्तों को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो, इसके लिए श्री संस्थान के सेवक अपनी सेवाएं देने के लिए तत्पर हैं. भक्तों को सभी आवश्यक सुविधाएं श्री संस्थान द्वारा प्रदान की जा रही हैं.
* श्री नाम संकीर्तन में लीन रहे श्रद्धालु
श्री की पुण्यतिथि के अवसर पर श्री के मंदिर एवं आसपास रंग-बिरंगी आकर्षक विद्युत सज्जा की गई है. मंदिर परिसर में जगह-जगह केले के स्तंभ और आम के पत्तों के तोरण लगाए गए हैं, जिससे वातावरण भक्तिमय हो गया है. भक्त श्री के नाम-जप में लीन हैं और मराठवाड़ा, खानदेश, विदर्भ एवं महाराष्ट्र के अन्य भागों के भजन दिंडियों के ज्ञानोबा तुकाराम का नाम-जप कर संतों की नगरी में पुण्यतिथि समारोह में भाग ले रहे हैं.





