संगाबा विद्यापीठ के आचार्य कक्ष मेें अनियमितता
शैक्षिक महासंघ ने दी आंदोलन की चेतावनी

अमरावती /दि.22 – संत गाडगेगबाबा विद्यापीठ के आचार्य कक्ष की कार्यप्रणाली में सतत हो रही अनियमितता के खिलाफ अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने कडी भूमिका ली और महासंघ के प्रतिनिधि मंडल ने सीधे प्र-कुलगुरू डॉ. महेंद्र ढोरे से भेट कर गलत शुल्क आकारने सहित विविध गंभीर तृटीयो को लेकर निवेदन सौंपा और नियमित कार्रवाई न किए जाने पर आंदोलन की चेतावनी दी.
अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैेक्षिक महासंघ की विभागीय अध्यक्षा प्राचार्य मीनल भोंडे और विभागीय महामंत्री प्रा. डॉ. मंगेश अडगोकार के नेतृत्च मे प्रतिनिधि मंडल द्वारा सौंपे गए. निवेदन में विद्यापीठ के आचार्य कक्ष में अनियमितता का आरोप लगाते हुए कहां गया की विद्यापीठ ‘यूजीसी रेग्युलेशन 2022’ स्विकार कर भी आचार्य कक्ष का काम पुरानी पद्धती से किया जा रहा हैं.‘व्हायवा होसबोर्ड ’ गठन, ऑनलाइन प्रक्रिया और आवश्यक ‘अंपोडिक्स’ नुसार रिपोर्ट जांरी की नहीं जा सकती.
संशोधन केंद्र मान्यता शुल्क की विसंगती यह सबसे अधिक वादग्रस्त मुद्दा ठहरा हैं. पुर्नजांच शुल्क 10 हजार रूपए रहते हुए भी अनेक महाविद्यालयो में 20 हजार रूपए शुल्क आकारा जा रहा हैें. पूर्नजांच शुल्क भरने पर सख्ती ना करे ऐसी मांग निवेदन द्वारा की गई. और वाड्मयचौर्य जांच के लिए विद्यार्थियोे को शुल्क जमा करने विद्यापीठ मे आना पडता हैं. और उन्हें रिपोर्ट मिलने एक सप्ताह लग जाता हेै इस पर महासंघ ने तिव्र नाराजी व्यक्त करते हुए यह प्रक्रिया तत्काल ऑनलाइन किए जाने की मांग की. प्रतिनिधि मंडल मेंं डॉ. मंगेश अडगोंकार, डॉ. दिनेश खेडकर, डॉ. अरूण हरणे, हेमंत चांडक, डॉ. निलीमा अंबाडकर सहित पदाधिकारी उपस्थित थे.
*‘रिव्हयू पेपर’ प्रकाशित करने की शर्त शिथिल करे
पुराने विनीमयानुसार ‘कोर्स वर्क’ पूर्ण करने वाले विद्यार्थियोे के पंजीयन के लिए ‘रिव्हयू पेपर’ प्रकाशित करने की शर्त शिथिल करने का आश्वसन प्र-कुलगुरू द्वारा दिया गया. आचार्य प्रबंध प्रस्तुत करने के लिए समय बढाने का विद्धत परिषद द्वारा मंजूर किेया गया. प्रस्ताव तत्काल लागू करने के लिए विशेष समिति जल्द ही कार्यवाही पूर्ण करेेगी. ऐसी जानकारी दी गई. प्रलंबित संशोधन केंेंद्र मान्यता प्रस्ताव पर तत्काल कार्रवाई कर समिति की भेेंट का टाइम टेबल जल्द ही घोषित किया जाएगा.





