जिले में 10 माह में 18523 नागरिकों पर कुत्तों का हमला

प्रशासन द्बारा कार्रवाई न किए जाने से नागरिकों में तीव्र असंतोष

* उपाय योजना की मांग
अमरावती/ दि. 24 – शहर सहित जिले में आवारा कुत्तों की संख्या दिनोंदिन बढ रही है. उनकी सभी तरफ दहशत व्याप्त है. कुछ दिन तक इन आवारा कुत्तों की परेशानी केवल रात के समय गुजरनेवाले नागरिकों को होती थी. लेकिन पिछले कुछ दिनों में शहर में ऐसी कुछ घटनाएं घटित हुई है. जिससे दिनदहाडे भी पैदल घूमना मुश्किल हो गया है. यह आवारा कुत्ते सोसायटी परिसर में खेलनेवाले बच्चों पर ही दिनदहाडे हमला कर रहे हैं. ग्रामीण क्षेत्र में तेंदुए की दहशत है तथा शहर में आवारा कुत्तों ने आतंक मचा रखा है. जिले में जनवरी से अक्तूबर इस 10 माह में 18 हजार 536 नागरिकों पर आवारा कुत्तों ने हमला किया है. उसके बावजूद प्रशासन द्बारा उचित कार्रवाई न किए जाने से नागरिकों में तीव्र असंतोाष व्याप्त है.
कुत्तों की काटने की घटना से शहर सहित जिले में आवारा कुत्तों का प्रश्न अधर में है. शहर में होटल, चौपाटी, कचरा पेटी, मार्केट परिसर में बडी संख्या में आवारा कुत्ते दिखाई देते हैं. नुक्कडों मेंं जत्थो के साथ रहनेवाले आवारा कुत्ते रात के समय वाहनों के पीछे दौडते हैं और वाहन चालक के पैर पर काट लेते हैं. फूटपाथ पर चलनेवाला छोटे बालक, वरिष्ठ नागरिकों पर किया रहने की घटना सामने आयी है. नागरिकों को इन आवारा कुत्तों के कारण काफी परेशानी सहन करनी पड रही है. इस कारण मनपा द्बारा तत्काल उपाय योजना करने की मांग लगातार नागरिक कर रही है. जिला अस्पताल की आकडेवारी के मुताबिक जिले में 10 माह में 18536 लोगों को आवारा कुत्तों ने काटा है. इसमें इर्विन की ओपीडी में 7 हजार 931 लोग उपचार के लिए भर्ती हुए है. साथ ही अंजनगांव सुर्जी उपजिला अस्पताल में 1262, भातकुली 366, चांदुर रेलवे 559, चिखलदरा 59 तथा चुर्णी 259, धामणगांव रेलवे 545, नांदगांव खंडेश्वर 549, वरूड 1026, अचलपुर 1756, चांदुर बाजार 1746, दर्यापुर 921, धारणी 335, मोर्शी 687, तिवसा 524, मरीज अस्पताल में उपचार लेने के लिए आए है.

उपाय योजना अधूरी पड रही
शहर के बढते विस्तार, सडकों पर डाला जानेवाला कचरा, आवारा कुत्तों पर तरस कर रोटी अथवा कुछ खाना देनेवाले नागरिकों के कारण शहर में आवारा कुत्तों की संख्या दिनों दिन बढ रही है. इन कुत्तों की संख्या को नियंत्रित करने के लिए मनपा की तरफ से नियमित रूप से नसबंदी की जाती है. लेकिन आवारा कुत्तों की भारी संख्या को देखते हुए यह उपाय योजना अधूरी साबित हो रही है.

जिले में 1795 नागरिकों को सर्पदंश
जिले में जनवरी से अक्तूबर की कालावधि में 1795 नागरिकों को सर्पदंश हुआ है. इसमें 16 लोगोें की मृत्यु भी हुई है. जिला अस्पताल में 891 लोगों ने उपचार लिया है. इनमें 13 नागरिकों की मृत्यु हुई है.

 

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