अमरावती शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र में इस बार घट सकती है शिक्षक मतदाताओं की संख्या

पिछली बार 35,622 मतदाता हुए थे पंजीकृत

* कई बोगस मतदाताओं के पंजीकृत होने का लगा था आरोप
* निर्वाचन आयोग व प्रशासन ने कडे किए पंजीयन संबंधी नियम
* अब तीन वर्ष सेवा देनेवाले शिक्षक ही कर सकेंगे मतदान
* अंशकालीन शिक्षकों को नहीं माना जाएगा मतदान हेतु पात्र
* निवासी क्षेत्र को मतदान क्षेत्र के तौर पर माना जाएगा ग्राह्य
अमरावती/दि.25 –  इस समय अमरावती संभाग में विधान परिषद की सीट हेतु शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के चुनाव की गहमागहमी जमकर चल रही है. अगले वर्ष के अंत में यानि दिसंबर 2026 में होनेवाले शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के चुनाव हेतु इस समय मतदाता पंजीयन की प्रक्रिया को शुरु किया गया है. जिसके तहत ठीक एक माह बाद यानि 25 नवंबर को शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के चुनाव की प्रारुप मतदाता सूची प्रकाशित होगी. जिस पर प्राप्त होनेवाले आपत्तियों व आक्षेपों पर सुनवाई पश्चात 30 दिसंबर को शिक्षक मतदाताओं की अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी. ऐसे में इस बात को लेकर अभी से ही उत्सुकता देखी जा रही है कि, इस बार शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के चुनाव में कितने शिक्षक मतदाता पंजीकृत होते है.
बता दें कि, विधान परिषद की सीट हेतु होनेवाले शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र सहित स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के चुनाव हेतु हर बार नई मतदाता सूची बनाई जाती है और नए सिरे से मतदाताओं का पंजीयन किया जाता है. इसके तहत वर्ष 2020 में हुए शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के चुनाव में 35,622 शिक्षक मतदाता पंजीकृत हुए थे. जिसमें से 30,896 मतदाताओ ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था. चूंकि शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के चुनाव में केवल सरकारी एवं निजी अनुदानित व गैर अनुदानित संस्थाओं के शिक्षकों व प्राध्यापकों द्वारा ही मतदान किया जाता है. जिसके चलते इन संस्थाओं में कार्यरत रहनेवाले एवं शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के चुनाव में मतदान हेतु पात्र रहनेवाले शिक्षक मतदाताओं के नामों की सूची संबंधित संस्थाओं के संचालकों, प्राचार्यो व मुख्याध्यापकों द्वारा अपने हस्ताक्षर के जरिए साक्षांकित कर निर्वाचन निर्णय अधिकारी व निर्वाचन आयोग के पास भेजी जाती थी. जिसे लगभग जस का तस स्वीकार भी कर लिया जाता था, परंतु अक्सर ही यह आरोप भी लगाए जाते थे कि, शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र का चुनाव लडनेवाले तथा शिक्षा संस्थाओं पर अपनी पकड रखनेवाले दिग्गज प्रत्याशियों द्वारा अपना वोट बैंक मजबूत करने हेतु शिक्षा संस्थाओं में कार्यरत रहनेवाले लिपीकों, लैब टेक्नीशियनों व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों जैसे शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को भी शिक्षक कर्मचारी दर्शाते हुए उनके नामों का समावेश शिक्षक मतदाताओं की सूची में कर लिया जाता था.
ऐसे में अमरावती संभाग शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र की निर्वाचन निर्णय अधिकारी रहनेवाली संभागीय राजस्व आयुक्त डॉ. श्वेता सिंघल ने शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र हेतु मतदाता पंजीयन प्रक्रिया शुरु करने के साथ ही यह स्पष्ट कर दिया था कि, विगत 6 वर्ष (1 नवंबर 2025 की अर्हता दिनांक) से पहले कम से कम तीन साल तक शिक्षा क्षेत्र में सेवा देनेवाले शिक्षकों को ही शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र में मतदान का अधिकार प्राप्त होगा. साथ ही अंशकालिन शिक्षकों को इस चुनाव में मतदान हेतु पात्र नहीं माना जाएगा. साथ ही पिछली बार की मतदाता सूची इस बार काम में नहीं आएगी. ऐसे में नए सिरे से शिक्षक मतदाताओं की सूची तैयार करने हेतु निर्वाचन आयोग ने 1 नवंबर 2025 की अर्हता दिनांक पर आधारित अमरावती संभाग शिक्षक विधान परिषद निर्वाचन क्षेत्र हेतु कार्यक्रम घोषित किया गया है. जिसके नुसार 30 सितंबर से मतदाता पंजीयन कार्यक्रम को शुरु कर दिया गया है. जिसके बाद विगत 15 अक्तूबर को मतदाता पंजीयन की सूचना प्रकाशित की गई और आज 25 अक्तूबर को दुबारा सूचना प्रकाशित कर पात्र शिक्षकों से व्यक्तिगत तौर पर आवेदन मंगाए गए है. जो शिक्षकों को तहसीलदार के पास प्रस्तुत करने होंगे. इसके तहत किसी शाला में 10 से 15 या उससे भी अधिक शिक्षक रहने पर संबंधित संस्था द्वारा प्रमाणपत्र सहित एकत्रित तौर पर आवेदन प्रस्तुत किए जा सकेंगे. मतदाताओं से आवेदन स्वीकार करने की अंतिम तिथि 6 नवंबर 2025 तय की गई है. जिसके बाद 20 नवम्बर को पांडुलिपि तैयार कर प्रारूप मतदाता सूची की छपाई की जाएगी और 25 नवम्बर को प्रारूप मतदाता सूची का प्रकाशन होगा. पश्चात 25 नवम्बर से 10 दिसम्बर तक मतदाता सूची को लेकर आक्षेप व आपत्तियाँ स्वीकारने की अवधि रहेगी. जिसके बाद 25 दिसम्बर को सभी आपत्तियों व आक्षेपों का निपटारा करते हुए पूरक सूची तैयार करना व छपाई की जाएगी तथा 30 दिसम्बर को अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन होगा.
* प्राथमिक के साथ ही माध्यमिक शिक्षकों एवं महाविद्यालयीन प्राध्यापक रहेंगेे मतदान हेतु पात्र
इसके साथ ही इस बार यह भी स्पष्ट किया गया है कि, शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के चुनाव में प्राथमिक शिक्षकों के साथ ही माध्यमिक शालाओं के शिक्षकों एवं महाविद्यालयीन प्राध्यापकों को मतदान करने हेतु पात्र माना जाएगा. लेकिन उनका सेवाकाल कम से कम तीन वर्ष का होना चाहिए और उनकी नियुक्ति अंशकालिन नहीं होनी चाहिए. इसके अलावा कई बार शिक्षकों का निवासस्थान और नियुक्ति का स्थान अलग-अलग होता है. ऐसे में जिस स्थान पर शिक्षकों का निवासी क्षेत्र है, उसी क्षेत्र को उनका मतदान क्षेत्र ग्राह्य माना जाएगा. शिक्षकों द्वारा पंजीयन हेतु डाक के जरिए आवेदन भेजे जा सकेंगे. साथ ही गलत प्रमाणपत्र देनेवाली संस्थाओं के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. ऐसे में इस बार नियम काफी अधिक कडे रहने के चलते पूरी उम्मीद है कि, मतदाता पंजीयन में होनेवाली गडबडिया रुकेंगी और मतदाता संख्या कम रहेगी.
* 7 से 8 हजार मतदाता हो सकते हैं कम, नए मतदाताओं की संख्या पर नजर
बता दें कि, पिछली बार के चुनाव में करीब 7 से 8 हजार फर्जी मतदाता रहने का आरोप जमकर गूंजा था और इसे लेकर काफी हद तक हंगामा व होहल्ला भी मचा था. जिसके मद्देनजर अब प्रशासन ने शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के चुनाव हेतु तैयार की जानेवाली मतदाता सूची के लिए काफी कडे मापदंड भी बनाए है. इसके चलते इस बार शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के चुनाव में शिक्षक मतदाताओं की संख्या काफी हद तक कम रहने की पूरी उम्मीद जताई जा रही है. ऐसे में अब सभी की निगाहें इस बात की ओर लगी हुई है कि, शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र हेतु 25 नवंबर को घोषित होनेवाली प्रारुप मतदाता सूची तथा 30 दिसंबर को घोषित होनेवाली अंतिम मतदाता सूची में बतौर मतदाता संभाग के कितने शिक्षकों की संख्या शामिल दिखाई देनेवाली है. क्योंकि जहां शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के नाम मतदाता सूची से कट जाएंगे, वहीं विगत 6 वर्ष के दौरान नियुक्त हुए नए शिक्षकों के नामों का समावेश नई मतदाता सूची में होगा. ऐसे में पिछली बार की तुलना में इस बार के चुनाव हेतु मतदाता संख्या में कितना फर्क रहता है, इस पर सभी की निगाहें टिकी हुई है.                                                            * पिछली बार के चुनाव में थे 35,622 मतदाता
वर्ष 2020 में हुए विधान परिषद चुनाव हेतु अमरावती विभाग शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र में कुल 35,622 मतदाता थे. जिसमें से 30,896 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था. जिसके तहत 26,026 में से 23,166 पुरुष एवं 9,562 में से 7,730 महिला शिक्षक मतदाताओं द्वारा वोट डाले गए थे. मताधिकार का प्रयोग करनेवाले मतदाताओं में अमरावती जिले के सर्वाधिक 8,636 मतदाताओं का समावेश था.
* वर्ष 2020 में मतदाताओं और मतदान की स्थिति
जिला कुल मतदाता संख्या प्रत्यक्ष मतदान
-पुरुष महिला   अन्य        कुल         पुरुष       महिला      अन्य        कुल
अमरावती    6,958        3,428 0    10,386    6,014      2,622 0    8,636
अकोला      4,305        2,175 0     6,480      3,744      1,721 0    5,464
बुलढाणा     5,969       1,515 0     6,484       5,424      1,306 0    6,730
वाशिम       3,179       634 0        3,813       2,924       564 0      3,488
यवतमाल    5,649       1,810 0     7,459       5,060       1,517      0 6,577
कुल          26,060      9,562 0     35,622     23,166      7,730     0 30,896                                                                          * किस प्रत्याशी को मिले थे कितने वोट?
किरण सरनाईक (विजेता)      15,606
प्रा. श्रीकांत देशपांडे                9,191
संगीता शिंदे                          4,862
डॉ. अविनाश बोर्डेे                 3,611
नितिन धांडे                          2,529
नीलेश गावंडे                       2,336
प्रकाश कालबांडे                  1,351
विकास सावरकर                   674
दिलीप निंभोरकर                  606
राजकुमार बोंकिले                 578
महेश डवरे                          300
संजय आसोले                    106
सतीश काले                       91
अरविंद तट्टे                        81
सुनील पवार                       57
शरदचंद्र हिंगे                      57
मो. शकील अ. अजीज         43
उपेंद्र पाटिल                     35
तनवीर आलम                 30
प्रा. अनिल काले                27
डॉ. मुश्ताक अहमद          26
अभिजीत देशमुख           23
श्रीकृष्ण ठाकरे               20
दिपंकर तेलगोटे            17
प्रा. प्रवीण विधले            16
विनोद मेश्राम                15

 

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