कैबिनेट का शिंदे गुट के मंत्रियों का बहिष्कार, महायुती में बढ़ा तनाव

भाजप की ‘फोडा-फोडी’ वाली राजनीति से शिंदे गुट नाराज

* नाराजगी की 6 बड़ी वजहें सामने आईं
मुंबई /दि.18- महाराष्ट्र में स्थानीय स्वराज संस्थाओं के चुनाव की हलचल के बीच सत्ताधारी महायुती सरकार में बड़ा राजनीतिक भूचाल देखने को मिला। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में मंत्रालय में हुई मंत्रिमंडल बैठक का शिवसेना-शिंदे गुट के मंत्रियों ने अघोषित बहिष्कार किया. बैठक में केवल उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे उपस्थित रहे, जबकि उनके सभी मंत्री नदारद रहे. बैठक खत्म होने के बाद सभी शिवसेना मंत्री सीधे मुख्यमंत्री फडणवीस के कक्ष में पहुँचे, जहाँ दोनों पक्षों की क्लोज-डोर बैठक जारी रही. माना जा रहा है कि शिंदे गुट की नाराजी स्थानीय चुनावों में भाजपा द्वारा की जा रही ‘फोडाफोडी’, टिकट वितरण और नेताओं के पार्टी प्रवेश से जुड़ी है.
भाजपा को लेकर शिंदे गुट वाली शिवसेना की नाराजगी की 6 प्रमुख वजहें बताई जा रही है. जिनमें भाजपा द्वारा शिवसेना-शिंदे गुट के नेताओं, नगरसेवकों और पदाधिकारियों को तोड़कर अपने दल में शामिल करना, जिन नेताओं के खिलाफ शिंदे गुट ने विधानसभा चुनाव लड़ा, उन्हीं को भाजपा में प्रवेश देकर टिकट देना, शिंदे गुट के कई मंत्रियों व पालकमंत्रियों को विश्वास में लिए बिना महत्वपूर्ण फैसले और फंड आवंटन, स्थानीय निकाय चुनाव में महायुती धर्म का पालन न होना, विकास निधि के लिए शिंदे गुट के मंत्रियों की अनदेखी करना तथा संभाजीनगर, कल्याण-डोंबिवली, अंबरनाथ व कोकण में भाजपा द्वारा एकतरफा प्रवेश और उम्मीदवारों की तोड़फोड़ करना आदि का समावेश है.
स्थानीय निकाय चुनाव की आहट के बीच भाजपा द्वारा लगातार ‘तोड़फोड़’ और नेताओं की घरवापसी से शिंदे गुट में भारी असंतोष पनप रहा है. अगर हालात ऐसे ही रहे तो महायुती में बड़ा राजनीतिक संकट खड़ा हो सकता है.
* कल्याण-डोंबिवली में शिंदे गुट को बड़ा झटका
बता दें कि, इसी बीच कल्याण-डोंबिवली महानगरपालिका के शिंदे गुट के तीन पूर्व नगरसेवक महेश पाटील, सुनीता पाटील और सायली विचारे-ने भाजपा में प्रवेश किया. इस ‘घरवापसी’ को शिंदे गुट के लिए बड़ा राजनीतिक आघात माना जा रहा है. इसके अलावा कई जिलों में शिंदे गुट के संभावित उम्मीदवारों और पदाधिकारियों को भाजपा में शामिल किया जा रहा है, जिससे गुट में भारी असंतोष है.
* कैबिनेट बैठक में कौन-कौन मंत्री रहे अनुपस्थित?
राज्य मंत्रिमंडल की आज हुई बैठक में शिंदे गुट की ओर से मंत्री रहनेवाले उदय सामंत, प्रताप सरनाईक, दादा भुसे, संजय शिरसाट, प्रकाश आबिटकर, भरत गोगावले, शंभूराज देसाई, गुलाबराव पाटील अनुपस्थित थे.

* ये तो होना ही था, ठाकरे गुट की तीखी प्रतिक्रिया
इस पूरे मामले को लेकर ठाकरे गुट वाली शिवसेना की उपनेता सुषमा अंधारे ने कहा कि, जिस दिन शिंदे ने सुरत-गुवाहाटी का रास्ता पकड़ा था, उसी दिन उनके माथे पर लिख दिया गया था कि भाजपा उन्हें इस्तेमाल कर दूर फेंक देगी. अब शिंदे और अजित पवार को राजनीतिक हाशिए पर डालने का काम भाजपा द्वारा किया जा रहा है.
मंत्री बावनकुले ने दी सफाई, शिंदे गुट के सहयोगियों की अनुपस्थिति की वजह बताई
इसी बीच राज्य के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने शिंदे गुट की नाराजगी से संबंधित इन दावों को स्पष्ट रूप से खारिज करते हुए कहा कि इस समय राज्यभर में स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं के चुनाव की तैयारियाँ तेज़ी से चल रही हैं और कई मंत्री अपने-अपने जिलों के दौरे पर होने के कारण बैठक में उपस्थित नहीं हो सके. मंत्री बावनकुले ने बताया कि सभी मंत्री मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की पूर्व अनुमति लेकर अपने प्रभार वाले जिलों में प्रचार व संगठकीय कामकाज में व्यस्त हैं. उन्होंने यह भी कहा कि यह गैरहाजिरी किसी नाराज़गी का संकेत नहीं है.
उल्लेखनीय है कि, कल्याण-डोंबिवली में शिवसेना के दोनों गुटों के पदाधिकारियों के भाजपा में शामिल होने से महायुती में तनाव बढने की चर्चा है. जिसे सिरे से खारिज करते हुए मंत्री बावनकुले ने कहा कि, महायुति में कहीं कोई नाराजगी नहीं है और महायुति के सभी घटक दल पूरी तरह से एकजुट है.

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