विभिन्न कार्यक्रमों के साथ मनाया जगतगुरू राजेश्वर माउली सरकार जन्मोत्सव

मां वशिष्ठ गंगा महाआरती सहित अनेकानेक अनुष्ठान

* भक्ति संगीत और उपक्रम, स्वास्थ्य जांच और रक्तदान शिविर
* माउली सरकार के आशीर्वचन भक्तों ने लिया लाभ
अमरावती/दि.15-श्रीमद् जगद्गुरू रामानंदाचार्य स्वामी राजेश्वर माउली सरकार जन्मोत्सव व श्री रूक्मिणी महोत्सव विविध कार्यक्रमों के साथ मनाया गया. महोत्सव का मंगलमय प्रारंभ मंगलवार को लक्ष्मण महाराज के कीर्तनों से हुआ. उत्सव दौरान अनुष्ठान, भक्ति संगीत, स्वास्थ्य शिविर, रक्तदान शिविर, नेत्रजांच, मां वशिष्ठ गंगा महाआरती और अन्य अनुष्ठान व उपक्रम संपन्न हुए.
जगदगुरू श्री राजेश्वर माउली सरकार का जन्म आनंदोत्सव गुरूवार 11 दिसंबर की मध्य रात्रि 12 बजे मनाया गया. श्री रूक्मिणी विदर्भ पीठ में आयोजित तीन दिवसीय उत्सव में 11 दिसंबर की शाम 7.30 बजे मां वशिष्ठा गंगा की महाआरती की गई. इसके उपरांत रवीन्द्र महाराज वानखेडे के कीर्तन हुआ. इस अवसर पर जीतेन्द्र पाखरे ने भक्ति संगीत प्रस्तुत किया. मध्यरात्रि 12 बजे माउली सरकार का जन्म आनंदोत्सव मनाया गया. शुक्रवार 12 दिसंबर को सबेरे 8.30 बजे श्री रूक्मिणी माता रथयात्रा निकली. इसके पश्चात 10.30 बजे श्री सोनू महाराज द्वारा काला कीर्तन प्रस्तुत किया गया. विभिन्न कार्यक्रमों के तहत दोपहर 12 बजे जगदगुरू श्री राजेश्वर माउली सरकार के आशीर्वचन का भक्तों ने लाभ लिया. जन्मोत्सव उपलक्ष्य में सांस्कृतिक महोत्सव भी संपन्न हुआ. उपरांत 1 बजे से महाप्रसाद का लाभ भक्तों ने लिया.
* अविचारों को मेरा विरोध
माउली सरकार ने अपने आशीर्वचन में भक्तों का मार्गदर्शन किया. उन्होंने संत-महात्माओं के उदाहरण देकर उनके विचारों को आत्मसात करने का आवाहन किया. स्वामी जी ने कहा कि, किसी जाती-धर्म, पंथ को मेरा विरोध नहीं, विरोध है तो केवल अविचारों को है. जो समाजहित के लिए नहीं है, राष्ट्र के कल्याण के लिए नहीं हैं, ऐसे विचारों का मैं विरोध करता हूं. अविचारों पर बोलना ही चाहिए. जो गलत है, वह गलत ही है. जिस प्रकार वंदनीय राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज ने अपनी खंजिरी के माध्यम से लोगों में जागरूकता निर्माण की. उसी प्रकार आज के दौर में वाणी का खंजर चलाने का समय आ गया है.

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