* पथ्रोट के कमलाकर दांडगे के घर की जिलेभर में चर्चा
परतवाड़ा/अचलपुर/दि.4– डेढ़ सौ जैक की सहायता से घर को चार फुट उंचा उठाकर, कट किये कॉलम को पुनः वेल्डिंग से जोड़कर काँक्रीट भर्ती से काम तमाम कर दिया जायेगा. अचलपुर तहसील के पथ्रोट में यह वाकया होने जा रहा और इस जुनून को देखने के लिए लोग भी तौबा गर्दी करने लगे है. पथ्रोट निवासी कमलाकर दांडगे अपने घर के सामने रास्ता निर्माण होने से खासे परेशान हो गए. निर्माण कार्य मे सड़क तो ऊंची हो गई और घर नीचे गढ्ढे में जा धंसा. इतने प्रेम, मोहब्बत और मेहनत से बने घर में बारिश में दूषित पानी घुसने लगा. घर यह सड़क से नीचे होने कारण बारिश का पानी भी बेमुरव्वत होकर घर मे प्रवेश करने लगा था. अब हरियाणा की एक कंपनी द्वारा डेढ़ सौ जैक की सहायता से कमलाकर के घर को ऊपर उठाने की तैयारी की जा रही है. किसी बने-बनाये घर को उसकी मूल जगह से ऊपर करने का जिले ने संभवत यह पहला ही प्रयोग होंगा. इस कारण उत्सुकतावश लोग इस अनूठी प्रणाली को देखने जमा हो रहे है.
पथ्रोट गावं में रास्तों के निर्माण होने के कारण सड़क ऊंची और घर नीचे चले जाने के असंख्य उदारहण देखने को मिल सकते है. परतवाड़ा शहर में सिविल लाइन से होकर नेशनल हाइवे गया है.यहां भी सड़क काफी ऊंची और घर-बंगले बिल्कुल पाताललोक में चले गए है. पथ्रोट में कमलाकर इनका घर भी पाललोक में जाने से पानी-पानी की ही समस्या से जूझना ओढ़ रहा था. पथ्रोट के लोगो ने इस समस्या से निपटने के लिए कई देशी हथकंडे अपनाए,कुछ लोगो ने घर के सामने पायरिया बना दी, ताकि पानी घर मे न आये. किन्तु देशी स्किम काम नही आई. पानी तो अंदर आ ही रहा था, घर से अंदर-बाहर होते समय दरवाजे की चौखट सिर को लगने से लोग जख्मी होने लगे. कमलाकर दांडगे ने इसका स्थायी हल निकालने का निर्णय लिया. वो अपने जुनून और जोश के साथ अकोला गए और वहां से हरियाणा की उक्त कंपनी का पत्ता प्राप्त किया.कंपनी के हुनरमंद कलाकार घर पर आए, मुआयना किया और बताया कि इस घर को चार फुट तक उंचा किया जा सकता है. दोनो पार्टी के बीच अनुबंध हुआ और काम की शुरुआत की गई. प्रारम्भ में कंपनी ने पूरा घर खाली करवा लिया. उसके बाद कॉलम को लगकर खुदाई की जाने लगी. एक बार खुदाई कॉलम तक समतल हुई कि उसे बुनियाद में कट मारकर उक्त घर को डेढ़ सौ जैक की मदत से उपर उठाया जाएगा.घर ऊपर होते ही कट किये कॉलम को वेल्डिंग कर पुनः जोड़ दिया जायेगा. फिर कॉलम में कांक्रीट भरकर उसे पूर्व की तरह ही के4 दिया जायेगा. इसके लिए रोजाना 10 मजदूर काम कर रहे. करीब 25 दिन लगातार काम करने के बाद ही कमलाकर का मकान नई ऊंचाई प्राप्त करता हुआ देख पाएंगे. इस प्रकार से काम करते समय घर, मकान, बंगले के किसी भी प्रकार का कोई नुकसान नही होता है, इस आशय की जानकारी कंपनी सुपरवायजर ने दी है. इस काम के लिए घर नया हो अथवा पुराना, घर कॉलम का हो अथवा बिना कॉलम का, हम जितनी चाहे घर की ऊंचाई बढ़ा सकते है. इस बात की भी कंपनी गारंटी लेती है. निर्माण कार्य पूर्ण हो चुके घर को उंचाई बढाने के लिए ऊपर उठाना, यह किसी आश्चर्य से कम नहीं कहा जा सकता है. आज आधुनिक तंत्रज्ञान ने कितनी प्रगति कर ली है, इसका यह एकदम अलग हटकर उदारहण कहा जा सकता है.